हाईकोर्ट ने निजी ठेकेदार पर लगाई पांच लाख की कॉस्ट
प्रदेश हाईकोर्ट ने कांट्रेक्ट प्रक्रिया में सफल होने के बावजूद बिडिंग अमाउंट जमा न करवाने पर कॉस्ट लगाई है।
विधि संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने कांट्रेक्ट प्रक्रिया में सफल होने के बावजूद बिडिंग मनी जमा न करने पर एक निजी ठेकेदार पर पांच लाख रुपये की कॉस्ट लगाई है। यह ठेकेदार शिमला के ओल्ड रेलवे स्टेशन के पास मल्टीस्टोरी पार्किंग निर्माण के लिए बिडिंग मनी जमा करने में विफल रहा था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने पाया कि यह कांट्रेक्ट पार्किंग व कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने के लिए हुआ है जिसका मकसद शिमला में पार्किंग समस्या से निजात दिलाना है। सफल बिडर की नाकामी की वजह से इस कार्य में बेवजह देर हुई है। इस कारण ठेकेदार पर पांच लाख रुपये की कॉस्ट लगाई जानी चाहिए। यह राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष जमा करवाई जाएगी जो वर्ल्ड हेरिटेज कालका शिमला रेलवे ट्रैक को संरक्षित व साफ रखने के लिए चलाई जा रहे अभियान पर खर्च की जाएगी। मामले की सुनवाई के दौरान रेलवे के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया था कि काम करने के लिए निर्धारित मंजूरी दिए जाने की अवधि खत्म हो गई है मगर सफल बिडर गौरव सिंह राठौर ने अभी तक बिडिंग मनी को रेलवे प्राधिकरण के समक्ष जमा नहीं करवाया है। इस कारण उनकी मंजूरी को वापस मान लिया गया है। न्यायालय ने इच्छुक बिडर को काम देने के संबंध में रेलवे प्राधिकरण को अतिरिक्त समय दे दिया है।