जनप्रतिनिधियों ने जाना वनाधिकारी नियम
संवाद सूत्र, ठियोग : ठियोग के बचत भवन में पंचायत समिति ठियोग के आग्रह पर पंचायत प्रतिनिधियों के लिए
संवाद सूत्र, ठियोग : ठियोग के बचत भवन में पंचायत समिति ठियोग के आग्रह पर पंचायत प्रतिनिधियों के लिए फोरेस्ट राइट एक्ट पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें एसडीएम मोहनदत्त शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यशाला में पूर्व मंत्री एवं विधायक नरेंद्र बरागटा, ठियोग के विधायक राकेश सिंघा, पंचायत समिति अध्यक्ष मदनलाल वर्मा के सहित जुब्बल कोटखाई, ठियोग, चौपाल और कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्रों की विभिन्न पंचायतों के प्रधानों व अधिकारियों ने भाग लिया।
डीएफ ओ नितिन पटेल ने वनाधिकार नियम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, सामुदायिक भवन, डिस्पेंसरी आदि 13 विकास कायरें के लिए एक हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी जिसके लिए ग्राम सभा को प्रधान व सचिव की उपस्थिति में प्रस्ताव पारित कर वन विभाग को देना होगा।
डीएफ ओ नितिन पटेल ने बताया कि गाव में विभिन्न 13 विकास कायरें के लिए एक हेक्टेयर भूमि की स्वीकृति उपमंडल के डीएफ ओ द्वारा दी जाएगी। यदि डीएफ ओ प्रस्ताव खारिज करता है तो प्रस्ताव को उपायुक्त के पास भेजा जाएगा यदि उपायुक्त भी निरस्त कर देते हैं तो प्रस्ताव को राज्य कमेटी के पास स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। वनाधिकार पाने के लिए व्यक्ति को गाव में स्थायी रूप से रहते हुए 75 साल होने चाहिए जिसका सत्यापन गाव के बुजुर्ग और पटवारी की रिपोर्ट से होगा। गलत तरीके से दावों के कारण ही मंजूरी में समस्याएं आ रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल में ग्रामीण अन्य परंपरागत वन निवासी श्रेणी में आते हैं और वनाधिकार कानून इन पर भी लागू होता है।
शिविर में मौजूद पंचायत प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर वनाधिकार कानून को लेकर अपनी समस्याएं व शिकायतें रखीं जिनका निपटारा अधिकारियों ने मौके पर किया।