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13 सीटर एचआरटीसी टैक्सी में 26 सवारियां

शिमला में एचआरटीसी की टैक्सियों में ओवरलोडिंग की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 05:50 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 06:38 AM (IST)
13 सीटर एचआरटीसी टैक्सी में 26 सवारियां
13 सीटर एचआरटीसी टैक्सी में 26 सवारियां

अजय बन्याल, शिमला

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सुबह के 11 बजकर पांच मिनट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की टैक्सी (एचपी 03 5450) सीटीओ पहुंची। टैक्सी में 21 सवारियां थी, जिनमें पांच छोटे बच्चे भी थे। हैरानी की बात है कि 13 सीटर टैक्सी में 26 लोग बैठाए गए थे। जब टैक्सी चालक से ओवरलोडिंग के बारे में पूछा तो उसने कहा इसमें मैं क्या कर सकता हूं। चक्कर से ही टैक्सी चलती है और वहीं पर सारी सवारियां बैठ जाती हैं। अगर हम विरोध करें तो लोग झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। इस संबंध में प्रशासन को भी कई बार बताया, लेकिन कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ओवरलोडिग किस कदर शहर में हो रही है।

इसके बाद दूसरी एचआरटीसी की राइड विद प्राइड (एचपी 03 सी 5161) सीटीओ के पास पहुंचती है। यह टैक्सी भी पूरी तरह ओवरलोड थी। करीब 30 यात्री टैक्सी से उतरे। एमआइ रूम से समरहिल होते टैक्सी सीटीओ रूट पर चलती है। शनिवार को अधिकांश टैक्सियां ओवरलोड होकर ही आ रही थीं। प्रतिबंधित मार्गो पर ओवरलोडिग आम

शहर के प्रतिबंधित मार्गो पर ओवरलोडिग आम बात है। शायद ही ऐसी कोई टैक्सी होगी जिसमें ओवरलोडिग न हो। लक्कड़ बाजार से संजौली चलने वाली हर टैक्सी में ओवरलोडिग होती है। वहीं रिटज से जाखू के लिए जाने वाली टैक्सी में पर्यटकों की संख्या अधिक होती है। टैक्सियों में बैठने को लेकर सवारियां आपस में लड़ती हैं। यही नहीं वरिष्ठ नागरिकों को सीट भी कई बार टैक्सियों में नहीं मिल पाती है। बंजार हादसे से भी सबक नहीं ले रहा प्रशासन

जिला कुल्लू के बंजार बस हादसे के बाद भी अभी तक बसों और टैक्सियों में ओवरलोडिग की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। वहीं प्रशासन भी आंखें खोलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ओवरलोडिग की क्या स्थिति होती है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।

कार्रवाई के नाम पर पुलिस व परिवहन विभाग नहीं कर रहा कुछ

सीटीओ के पास पहुंचने वाली एचआरटीसी टैक्सियों में ओवरलोडिग पर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है। न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हैं। ओवरलोडिग की आड़ में जहां यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाला जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ यातायात नियमों का भी उल्लघंन किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि सीटीओ के पास जहां एचआरटीसी की टैक्सी है रुकती है वहां से मात्र 50 मीटर की दूरी पर एसपी शिमला और जिलाधीश का कार्यालय है। बावजूद इसके हर पल यहां पर यातायात के नियम टूट रहे हैं।


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