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निजी विवि को दीक्षा समारोह से पहले देना होगा डिग्रियों का ब्योरा

हिमाचल में निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री को लेकर आई शिकायत के बाद निजी शिक्षा नियामक आयोग भी सख्त हो गया है। आयोग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि हर साल दीक्षांत समारोह से पहले छात्रों की डिग्रियों का ब्यौरा देना होगा। निजी विश्वविद्यालयों को आयोग के समक्ष बताना होगा कितने छात्रों ने दाखिला लिया था इनमें से कितने पास हुए और कितनों ने बीच में ही डिग्री छोड़ दी। आयोग इस रिकार्ड को दाखिले के रिकार्ड से खुद वेरिफाई करेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 06:21 AM (IST)
निजी विवि को दीक्षा समारोह से पहले देना होगा डिग्रियों का ब्योरा
निजी विवि को दीक्षा समारोह से पहले देना होगा डिग्रियों का ब्योरा

जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल में निजी विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री की शिकायत के बाद निजी शिक्षा नियामक आयोग भी सख्त हो गया है। आयोग ने सभी निजी विश्वविद्यालयों को आदेश दिए हैं कि हर साल दीक्षा समारोह से पहले डिग्रियों का ब्योरा देना होगा। यह भी बताना होगा कितने विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था। कितने पास हुए और कितनों ने बीच में ही डिग्री छोड़ दी। आयोग इस रिकॉर्ड को दाखिले के रिकॉर्ड से खुद सत्यापित करेगा। इसमें कोई भिन्नता सामने आती है तो विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

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हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षा नियामक आयोग के सदस्य एसपी कत्याल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। निजी विश्वविद्यालयों को यह भी आदेश दिए हैं कि वे वेबसाइट पर फीस, सीट, कोर्स और उपलब्ध शिक्षकों की पूरी जानकारी अपलोड करे। शिक्षकों की पढ़ाई, डिग्री और योग्यता की भी जानकारी देनी होगी। फीस किस आधार पर किन माध्यमों से ली जाएगी, यह भी विस्तार से बताना होगा।

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दो विश्वविद्यालयों के खिलाफ चल रही जांच

हिमाचल के दो निजी विश्वविद्यालयों पर फर्जी डिग्रियां देने का आरोप है। इसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को शिकायत भेजी है। यूजीसी ने प्रदेश सरकार को इस मामले को लेकर पत्र लिखा है। यूजीसी से मिले पत्र के बाद नियामक आयोग ने इन विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को पत्र लिखा है।

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निजी विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे दीक्षांत समारोह में जितनी डिग्रियां विद्यार्थियों को देने जा रहे हैं उसका ब्योरा आयोग को दें। आयोग दाखिले और डिग्रियों के रिकॉर्ड को सत्यापित करेगा ताकि किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा होने की आशंका न रहे।

-एसपी कत्याल, सदस्य निजी शिक्षा नियामक आयोग


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