मानसून सत्र: प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने पर विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना, वाकआउट
कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन ने कहा सरकार ने गकत तरीके से ट्रिब्यूनल को बंद किया इस पर विधायकों ने वाकआउट कर दिया।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन ने कहा सरकार ने गकत तरीके से ट्रिब्यूनल को बंद किया। जो मामले हाईकोर्ट में भेजे गए हैं, उनकी संख्या 21 हज़ार है। ऐसे में उनके निपटारे में सालों साल लगने वाले हैं। हर्षवर्धन ने कहा कि 40 हज़ार के करीब मामले लंबित हैं। लेकिन अब एक साथ 21 हज़ार से ज्यादा मामले ट्रिब्यूनल से हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के बाद समझा जा सकता है कि इन मामलों का क्या होगा। कर्मचारियों को न्याय मिलने में कितना समय लगेगा, कोई नहीं जानता। इसमें न्याय मिलने में देरी और पैसों का नुकसान भी होगा।
विधायक सुखविंदर सिंह सुखू ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा सरकार कर्मचारी विरोधी है। माकपा नेता राकेश सिंघा ने कहा इसको ऑर्डिनेंस के ज़रिये निरस्त करने की जगह विधानसभा के ज़रिये किया जाना चाहिए था, जहां सभी विधायक अपना पक्ष रख सकते। सिंघा ने कहा सरकार की मंशा सही नहीं मानी जा सकती है। ट्रिब्यूनल ऐसा फॉर्म था, जहां कर्मचारियों के मसलों का निपटारा आसनी और कम खर्चे में ही जाता थ। सरकार इस विषय मे जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए थी। इस मामले पर हंगामे के बाद विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।