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सीएम के पलटवार से विपक्ष बेबस, कांग्रेस विधायकों के तेवरों की धार पड़ी कुंद

मंगलवार को सदन में कांग्रेस की इच्‍छा सरकार को घेरने की थी लेकिन सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर ने तल्ख तेवर से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को उनके ही अंदाज में घेर लिया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 09:56 AM (IST)
सीएम के पलटवार से विपक्ष बेबस, कांग्रेस विधायकों के तेवरों की धार पड़ी कुंद
सीएम के पलटवार से विपक्ष बेबस, कांग्रेस विधायकों के तेवरों की धार पड़ी कुंद

शिमला, रमेश सिंगटा। हिमाचल के हितों पर मंगलवार को सदन खूब गरमाया। विपक्ष की मंशा सरकार को घेरने की थी, लेकिन सत्ता पक्ष के आक्रामक तेवरों के आगे वह बेबस दिखा। सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर ने तल्ख तेवर अपनाए। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को उनके ही अंदाज में घेर डाला।  

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विधानसभा अध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल ने राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया। उन्होंने नियम 67 के नोटिस पर अनुमति के बिना भी अग्निहोत्री को बोलने का मौका दे दिया, जिससे कांग्रेस विधायकों के प्रहारों की धार कुंद पड़ गई। बेशक हंगामा हुआ, लेकिन इसके बीच जब अध्यक्ष बोले तो सदन में सन्नाटा पसर गया। ऐसा पहली बार तब हुआ जब मुकेश प्रश्नकाल से पहले ही हिमाचल की संपत्तियों को कथित तौर पर बेचने की कसरत का विरोध कर रहे थे।

उन्होंने व्यवस्था दी कि नियम 67 के तहत विधायक मुकेश, रामलाल ठाकुर, जगत सिंह नेगी ने स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी है। परसों पर्यटन पर प्राइवेट मैंबर डे के दिन चर्चा होगी। इस कारण नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस दौरान दोनों पक्षों में पूरी तरह से चुप्पी छा गई। जबकि

इससे पहले शोरगुल हो रहा था। हंगामा खत्म नहीं हो रहा था तो दूसरी दफा विधानसभा अध्यक्ष ने दखल दिया। उन्होंने विपक्ष के नेता को दो मिनट तक अपनी बात रखने का मौका दिया। तब भी सदन में दोनों पक्ष पूरी तरह से शांत रहे। इससे बिंदल का रणनीतिक कौशल भी देखने को मिला। बात रखने के बावजूद विपक्ष के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।

हिमाचल के हित मौजूदा सरकार ने नहीं, पूर्व कांग्रेस सरकारों ने बेचे। वेबसाइट पर कैसे जानकारी अपलोड की गई, इसकी जांच मुख्य सचिव करेंगे। राजस्व नियमों में बदलाव पूर्व सरकार ने किए। हमारी सरकार पूर्व

के फैसले को लागू नहीं करेगी। हिमाचली हितों पर कोई आंच नहीं आने देंगे। बेचने का सवाल ही पैदा नहीं होता है।

-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री 

सरकार स्पष्ट करे कि राइजिंग हिमाचल वेबसाइट पर हिमाचल की संपत्तियों की कीमत किसने तय की। यह

चूक नहीं, साजिश है। यह कार्य किसने किया, उस पर क्या कारवाई होगी। पर्यटन की संपत्ति विनिवेश ही

नहीं, यह हिमाचल को बेचने का पूरी योजना तैयार की गई है। कांग्रेस इस योजना को सिरे नहीं चढ़ने देगी।

-मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष

धारा 118 में कोई संशोधन नहीं किया, न मंशा: जयराम

वहम का कोई इलाज नहीं है। सरकार ने भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 में न संशोधन किया है और न ही ऐसी कोई मंशा है। विपक्ष को वहम हो गया है, इसलिए सदन और बाहर यह बातें सुनने को मिल रही हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के धारा 118 के सरलीकरण को लेकर लाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने तीन वर्ष के दौरान 1061 मामलों को धारा 118 में अनुमति दी। वर्तमान सरकार ने करीब 500 अनुमतियां प्रदान की हैं। उन्होंने सदन को जानकारी दी कि धारा 118 के लिए आवेदन और सारी जानकारी ऑनलाइन की जाएगी। इस धारा में गैर कृषकों को आवास योग्य भूमि खरीदने और उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार से अनुमति लेना जरूरी है।

कुछ विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र को 2014 में हटाया गया, जो सही है। इससे पहले विक्रमादित्य ने हिमुडा द्वारा गैर कृषकों को जमीन खरीदकर फ्लैट बनाने के विज्ञापन का मामला उठाया और रीयल एस्टेट के माध्यम से गैर कृषकों को लाभ पहुंचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने की मंशा पर भी सवाल उठाए।

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