टेंट में लगा दी ओपीडी, ताकि न टूटें नियम
कोरोना संकट में हर कोई अपने कर्त्वय को बखूबी अंजाम दे रहा है। जहां स्वास्थ्य कर्मी कोरोना योद्धा बनकर पूरी शिद्दत से डटे हुए है वहीं स्थानीय लोग भी इस जंग में अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ नेरवा में भी सामने आया है। नेरवा अस्पताल में जगह की कमी के चलते यहां डटे चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को कोई परेशानी ना हो इसके लिए एक स्थानीय समाजसे
संवाद सूत्र, नेरवा : कोरोना संकट में हर कोई कर्तव्य को बखूबी निभा रहा है। जहां स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना योद्धा बनकर डटे हुए हैं, वहीं स्थानीय लोग भी भरपूर सहयोग दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ नेरवा में भी सामने आया है।
नेरवा अस्पताल में जगह की कमी के चलते चिकित्सकों व अन्य स्टाफ को कोई परेशानी न हो इसके लिए एक समाजसेवी ने योगदान दिया है। अस्पताल में छह फीट बाई छह फीट की एकमात्र ओपीडी है। इस छोटे से कमरे में डॉक्टरों को सुरक्षा के साथ मरीजों में शारीरिक दूरी बनाए रखना नामुमकिन है। अस्पताल प्रशासन ने इस समस्या से निपटने के लिए अस्पताल के बाहर एक टेंट लगाकर अस्थायी ओपीडी बना दी है। डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए समाजसेवी सचिन ने निशुल्क अस्थायी टेंट लगाकर ओपीडी उपलब्ध करवाई है एवं साथ ही कुछ समाजसेवियों ने मरीजों को बाहर बैठने के लिए पांच बैंच भी लगवाए हैं।
उधर, डेंटल ओपीडी के भी यही हाल हैं। यहां भी डॉक्टर एक छोटे से कमरे में बनी ओपीडी से ही अपने को खतरे में डाल कर सेवाएं दे रहे हैं। डेंटल डॉ. गुलाब शर्मा ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद वह डेंटल मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि छोटी-छोटी समस्या के चलते जान को जोखिम में डाल कर अस्पताल न आएं।
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कोरोना संकट के बीच लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना प्राथमिकता है, इसी के चलते अस्पताल स्टाफ और मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर टेंट लगाकर एक अस्थायी ओपीडी बनाई गई है।
-डॉ. चैतन्य, स्वास्थ्य अधिकारी नेरवा अस्पताल।