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सरकारी विभाग भी अब ऑनलाइन करेंगे अदायगी

देश-विदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को पैसा भेजने के लिए ऑन लाइन प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 08:55 PM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 06:37 AM (IST)
सरकारी विभाग भी अब ऑनलाइन करेंगे अदायगी
सरकारी विभाग भी अब ऑनलाइन करेंगे अदायगी

प्रकाश भारद्वाज, शिमला

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देश-विदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को पैसा भेजने के लिए ऑनलाइन प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। इसी तरह से रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम का भी उपयोग होता है। केंद्र सरकार ने शीघ्र एवं सुरक्षित भुगतान करने के लिए कई तरह के एप शुरू किए हैं। हिमाचल सरकार भी डिजिटल होने का दावा तो करती है, लेकिन सरकारी क्षेत्र में आज भी चेक और ड्राफ्ट से भुगतान हो रहा है। सरकारी विभाग आरटीजीएस करने में फिसड्डी है। सरकारी कार्यालय में लेनदेन करने वाला डीडीओ समय की बर्बादी कर रहा है। कर्मचारी बैंकों के चक्कर काटते हैं। सरकार ने पेंशन का भुगतान ऑनलाइन करना तो शुरू कर दिया है मगर विभागीय स्तर पर इस सुविधा का उपयोग नाममात्र हो रहा है।

केस स्टडी-एक

उपनिदेशक शिक्षा कार्यालय में 2009 से 2014 तक एक कर्मचारी करीब 900 चेक व बैंक ड्राफ्ट अपने पास जमा करता रहा। जिलों के स्कूलों से आए 28 लाख मूल्य के यह चेक और ड्राफ्ट संबंधित बैंकों में जमा नहीं करवाए। मामला उजागर होने के बाद उप-निदेशक ने जांच करवाई तो कर्मचारी की लापरवाही का मामला सामने आया। केस स्टडी-दो

हिमाचल पथ परिवहन निगम के राज्य में स्थित कार्यालयों में चौंकाने वाला मामला सामने आया। 2011 से पहले कई जिलों में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों ने लाखों रुपये के चेक बैंकों में जमा नहीं करवाए थे। अकेले ऊना डिपो में तीस लाख रुपये के चेक पड़े हुए थे। मंडी, बिलासपुर, शिमला सहित कई और स्थानों पर भी इसी तरह से डेढ़ करोड़ रुपये फंसा हुआ था। मामला सामने आने के बाद बैंकों से आग्रह कर चेक जमा करवाए गए और पैसा निगम के खाते में पहुंचा।

आरटीजीएस करना अनिवार्य

केंद्रीय कार्यालयों में किसी भी प्रकार का भुगतान करने के लिए आरटीजीएस करना अनिवार्य है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के भी निर्देश हैं कि डिजिटल भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल किया जाए। ऐसा करने से अनावश्यक श्रम बचेगा। भुगतान के लिए भीम एप, ई-पेमेंट, पेटीएम सहित कई प्रकार के एप अधिकृत हैं।

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मुझे मुख्य सचिव ने इस विषय में जानकारी दी है। हम शीघ्र ही सभी सरकारी विभागों में आरटीजीएस से भुगतान सुनिश्चित करेंगे। हां, अभी तक सरकारी क्षेत्र में तीन प्रकार से भुगतान हो रहा है। ड्राफ्ट भी बनता है, चेक बुक तो संबंधित डीडीओ के पास उपलब्ध होती है।

- प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त एवं योजना विभाग। -------------

जब हमारे पास पेमेंट का सबसे सरल व सुरक्षित आरटीजीएस भुगतान सिस्टम उपलब्ध है तो चेक और ड्राफ्ट बनाने से बचना चाहिए। सरकारी स्तर पर आरटीजीएस से तुरंत पैसे की अदायगी होती है। इसके लिए केंद्र सरकार ने कई तरह के एप शुरू किए हैं। वित्त विभाग को इस दिशा में उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

- बीके अग्रवाल, मुख्य सचिव हिमाचल सरकार।


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