ट्रेनिंग का बहाना, मकसद विदेश की सैर पर जाना
आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रही जयराम सरकार आइएएस अधिकारियों के विदेश दौरों पर रोक लगा सकती है। सरकार ने आइएएस अधिकारी देवेश कुमार के विदेश दौरे पर आपत्ति जताई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रही जयराम सरकार आइएएस अधिकारियों के विदेश दौरों पर सख्त हो गई है। सरकार उनके अनावश्यक दौरों पर रोक लगा सकती है। आइएएस अधिकारी देवेश कुमार के विदेश में ट्रेनिंग करने के तर्क से सरकार सहमत नहीं है। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा को लगता है कि ट्रेनिंग महज बहाना है, असली मकसद पावर प्रोजेक्टों के दम पर सैर-सपाटा करना है।
देवेश सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य (आइपीएच) विभाग के सचिव हैं। उनके पास पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक का अहम कार्यभार है। वह पावर प्रोजेक्टों पर ट्रेनिंग करना चाहते हैं। उनके एक महीने के ट्रेनिंग प्रस्ताव से अनिल शर्मा को कड़ी आपत्ति है। मंत्री इस प्रस्ताव पर आपत्तियां लगा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो फिर यह फैसला दूसरे आइएएस अधिकारियों के लिए भी नजीर बनेगा। अफसरशाही के सरकारी खर्च पर विदेश दौरों का मामला हर बार विधानसभा में उठता है। विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाता है और सत्ताधारी दल बचाव में उतरता है। सत्र के दौरान इस पर खूब चर्चा होती है। उधर चर्चा होती है और इधर सचिवालय से दौरों को स्वीकृति मिलती है। जयराम सरकार भी अफसरशाही के विदेश दौरों पर पाबंदी नहीं लगा पाई है। ऐसी ट्रेनिंग की इजाजत नहीं
देवेश कुमार विदेश में एक महीने की ट्रेनिंग करना चाहते हैं। फाइल मेरे पास आई है। आखिर इसका हिमाचल को क्या लाभ होगा? इसकी जरूरत क्या है? सरकार ऐसी ट्रेनिंग करने की इजाजत नहीं देगी। कुछ दिनों की बात होती तो भी समझ में आता। सरकार अनावश्यक दौरे नहीं होने देगी।
अनिल शर्मा, ऊर्जा मंत्री विदेश जाने का सवाल टाल गए देवेश
देवेश कुमार ने विदेश जाने से जुड़े सवाल को टाल दिया। सिर्फ इतना कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।