छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ को नोटिस, हाईकोर्ट ने दो सप्ताह में मांगा जवाब
scholarship scam 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच पर हाईकोर्ट ने दो सप्ताह में जवाब मांगा है मामले की आगामी सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
शिमला, जेएनएन। बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस संबंध में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआइ से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि 265 करोड़ के घोटाले में सीबीआइ की जांच सिर्फ 22 शैक्षणिक संस्थानों तक सीमित है, जबकि इसमें 2772 शैक्षणिक संस्थान संलिप्त हैं। हाईकोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लिया है। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी की खंडपीठ ने राज्य सरकार सहित सीबीआइ को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
सीबीआइ की ओर से अदालत से गुहार लगाई गई कि रिपोर्ट सील्ड कवर में दायर करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार कर लिया। याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक और सीबीआइ को प्रतिवादी बनाया गया है। मामले की आगामी सुनवाई 14 नवंबर को निर्धारित की गई है।
- याचिकाकर्ता का आरोप, घोटाले में 2772 संस्थान संलिप्त, जांच सिर्फ 22 की
- हाईकोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लिया, अब 14 नवंबर को होगी सुनवाई
खबरों को किया संलग्न जनहित में दायर याचिका में प्रार्थी ने छात्रवृत्ति घोटाले के बारे में दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को भी संलग्न किया है। इनके अनुसार प्रारंभिक जांच में सीबीआइ ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी को छानबीन में पता चला है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों व निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति हड़पने के लिए रैकेट चल रहा था।
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अधिकारी निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी करने के लिए 10 फीसद तक कमीशन लेते थे। निचले स्तर के अधिकारी-कर्मचारीफाइलों को अपने स्तर पर ही मार्क कर देते थे। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया मामला छात्रवृत्ति घोटाले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। एसआइटी की जांच से खुलासा हुआ है कि निजी शिक्षण संस्थानों ने करीब दो लाख मेधावी विद्यार्थियों की 265 करोड़ की छात्रवृत्तियां डकारी हैं।
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