छह हजार करोड़ रुपये के घोटालेबाज को नोटिस
छह हजार करोड़ के कर- कर्ज घोटाले में मुख्य आरोपित दिल्ली के कुंज विहार निवासी राकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई है। अब सीआइडी को निर्देश दिए हैं कि वह इसे 22 जून को सुबह 10 बजे स्पेशल जज नाहन की कोर्ट में पेश करें। यह निर्देश नाहन स्थित स्पेशल जज ने जारी किए हैं। अभी तक गिरफ्तारी वारंट की तामील नहीं हो पाई है क्योंकि आरोपित भारत में नहीं काफी अरसा पहले विदेश भाग गया है। उसकी सीआइडी को 3 मार्च 2016 से तलाश है।
जागरण संवाददाता, शिमला : इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के छह हजार करोड़ रुपये के कर कर्ज घोटाले में मुख्य आरोपित नई दिल्ली के कुंज विहार निवासी राकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीआइडी को निर्देश दिए गए हैं कि वह राकेश को 22 जून को सुबह 10 बजे स्पेशल जज नाहन की कोर्ट में पेश करे। यह निर्देश इस मामले की सुनवाई के लिए नाहन में बनी विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश ने जारी किए हैं।
कोर्ट ने सीआइडी के माध्यम से मुख्य आरोपित राकेश को नोटिस जारी किया है। अभी तक गिरफ्तारी वारंट की तामील नहीं हो पाई है क्योंकि आरोपित काफी समय पहले विदेश भाग गया है। उसकी सीआइडी को तीन मार्च 2016 से तलाश है। जांच एजेंसी के लुटआउट नोटिस के बावजूद उसका सुराग हाथ नहीं लग पाया है। अब नए सिरे से लुकआउट नोटिस जारी होगा। इसकी प्रक्रिया जल्द आरंभ होगी। इसे सीबीआइ के जरिये जारी किया जाएगा। सीबीआइ व ईडी भी इस मामले में पैनी निगाह रखे हुए है। ईडी मनी लॉड्रिग मामले की अलग से जांच कर रही है। 16 बैंकों के डकारे गए दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के मामले की सीबीआइ भी तहकीकात कर रही है। हालांकि सीबीआइ ने केस दर्ज नहीं किया है लेकिन प्रारंभिक जांच तब से हो रही है जबसे बैंकों ने शिकायत की है। ये बैंक नई दिल्ली के ही हैं। बैंकों को भी चूना लगाया गया है। इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के पांवटा स्थित उद्योग में हवाई जहाजों के कलपुर्जो का उत्पादन ज्यादा दिखाया गया जबकि असल में ऐसा नहीं होता था। यह सब बैंकों से कर्ज लेने के लिए किया गया।
क्या है मामला
आबकारी एवं कराधान विभाग ने मार्च 2014 में सही तरीके से वैट जमा न करवाने पर सिरमौर जिले के पांवटा के जगतारपुर स्थित इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की फैक्टरी को सील कर दिया था। विभाग ने कंपनी पर वर्ष 2009 से 2014 तक 2175 करोड़ रुपये का टैक्स चोरी करने का मामला दर्ज किया था। बाद में यह राशि सीएसटी और वैट को मिलाकर बढ़ गई थी। इंडियन टेक्नोमेक कंपनी ने बिजली के बिलों पर नाम पर भी सरकार को साढ़े नौ करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इस गड़बड़झाले की अलग से सीआइडी ने ही जांच की। इस मामले की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो गई है।
कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। जांच एजेंसी ने आरोपित को तलाशने के लिए अब तक हर संभव प्रयास किए हैं। उसकी तलाश जारी रहेगी। कोर्ट में पेश न होने की सूरत में आरोपित भगोड़ा तो घोषित होगा ही, उसकी संपत्ति अटैच करने की प्रक्रिया भी आरंभ होगी।
वीरेंद्र कालिया, एएसपी, स्टेट सीआइडी
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