युग हत्या मामले में नहीं हुआ दोषियों की सजा का फैसला
राजधानी शिमला के बहुचर्चित युग अपहरण व हत्या मामले में दोषियों की सजा पर फैसला नहीं हो पाया।
शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला के बहुचर्चित युग अपहरण व हत्या मामले में दोषियों की सजा का फैसला बुधवार को नहीं हो पाया। जिला एवं सत्र न्यायालय शिमला में बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। हत्या के तीनों आरोपितों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने मामले की सुनवाई पांच सितंबर तय की है। हत्या के दोष में तीन आरोपितों चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल व विक्रांत बक्शी जेल में हैं और इन्हें सजा मिलनी बाकी है।
आरोपितों का गुनाह साबित करने के लिए राज्य सीआइडी अदालत में 100 से अधिक गवाह पेश कर चुकी है। चार वर्षीय युग शिमला के कारोबारी का बेटा था। उसके परिवार से जान-पहचान रखने वाले तीन आरोपितों ने 14 जून 2014 को युग को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी। उसका शव शहर के एक पेयजल टैंक में डाल दिया था। सीआइडी ने 20 अगस्त 2016 को इस मामले में विक्रांत को गिरफ्तार किया था जिसने सच उगल दिया था। बाकी दो आरोपितों को बाद में गिरफ्तार किया गया था।
युग की मां बोलीं, दोषियों को जल्द मिले सजा
युग की मा भी बुधवार को कोर्ट आई थीं। मामले की सुनवाई टलने पर वह निराश हो गई। उन्हें विश्वास था कि बुधवार को तीनों दोषियों को सजा सुना दी जाएगी। उन्होंने गुहार लगाई कि तीनों दोषियों को जल्द से जल्द सजा सुनाई जाए। बेटे को याद कर उनकी आंख से आंसू निकल आए। वहीं, युग की दादी भी कोर्ट में आई थीं। पोते के मौत पर उन्होंने नम आखों से दोषियों को सजा की माग की।