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खबरदार! एनी डेस्क एप न करें डाउनलोड

खबरदार! आप अपने फोन में किसी भी सूरत में एनी डेस्क एप्प डाउनलोड़ न करें। साइबर क्राइम गिरोह से जुड़े शातिर ठग इसके जरिये आपका फोन अपने कंट्रेाल में ले सकता है। फिर आपके नाम से पेटीएम, बैंक खातों में जमा पैसा उड़ा सकता है। यही नहीं अपराधी आपके ही फेसबुक एकाउंट से देशविरोधी पोस्ट शेयर कर सकता है। इस संबंध में राज्य साइबर सेल ने हिमाचल प्रदेश के लिए एडवायजरी जारी की है। राज्य के साइबर थाने में भी शिकायतें आई हैं। इन शिकायतों में कहा गया कि उन्हें एनी डेस्क एप्प डाउनलोड़ करने के लिए संदेश आ रहे हैं। हालांकि अभी

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 10:39 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 10:39 PM (IST)
खबरदार! एनी डेस्क एप न करें डाउनलोड
खबरदार! एनी डेस्क एप न करें डाउनलोड

राज्य ब्यूरो, शिमला : खबरदार..आप अपने मोबाइल फोन में एनी डेस्क एप डाउनलोड न करें। साइबर क्राइम गिरोह से जुड़े शातिर ठग इसके जरिये आपका फोन अपने नियंत्रण में ले सकते हैं। वे आपके नाम से पेटीएम व बैंक खातों में जमा पैसा उड़ा सकते हैं। अपराधी आपके ही फेसबुक एकाउंट से देशविरोधी पोस्ट शेयर कर सकते हैं। इस संबंध में राज्य साइबर सेल ने हिमाचल प्रदेश के लिए एडवायजरी जारी की है।

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राज्य के साइबर थाने में कई शिकायतें आई हैं। इनमें कहा गया कि उन्हें एनी डेस्क एप डाउनलोड करने के लिए संदेश आ रहे हैं। हालांकि अभी राज्य में इस तरह की ठगी के कोई भी मामले सामने नहीं आए हैं। लेकिन देश के कई राज्यों में ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसे देखते हुए सीआइडी के साइबर सेल ने ऐहतियाती कदम उठाए हैं। उधर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी सभी बैंकों को हिदायतें जारी की हैं। सीआइडी ने इसकी पुष्टि की है। साइबर अपराधी हर रोज नई तकनीक का उपयोग कर लोगों को ठगने मे सक्रिय रहते हैं। दिल्ली समेत दक्षिण भारत के कई राज्यों में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। ठग अपने टारगेट व्यक्ति को विश्वास में लेकर अपने फोन में गूगल प्ले स्टोर से एनी डेस्क एप या टीम टीम वीयुअर एप डाउललोड़ व अन्य एप्लीकेशन को डाउनलेड करने का आग्रह करता है। जब यह एप डाउनलोड हो जाता है तो कुछ अंकों का एक कोड जेनरेट होता है। उसे शेयर करने को कहा जाता है। जब यह कोड अपराधी अपने मोबाइल फोन में फीड करता है तो उससे धारक यानी पीड़ित व्यक्ति के मोबाइल फोन या कंप्यूटर का रिमोट कंट्रोल अपराधी के पास चला जाता है। वह उसे एक्सेस करने की अनुमति ले लेता है। अनुमति मिलने के बाद अपराधी धारक के फोन या कंप्यूटर का सभी डाटा चूरा लेता है। वह इसके माध्यम से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के द्वारा भी फ्रॉड ट्रांजेक्शन करने में सफल हो जाता है। साइबर सेल ने एडवायजरी जारी की है। लोगों को ठगों से सावधान रहने को कहा है। अगर उनके झांसे में आए तो आपके नाम से फेसबुक पर देशविरोधी पोस्ट भी शेयर कर सकते हैं। आपके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज हो सकता है। इसलिए एनी डेस्क एप डाउनलोड न करें।

नरवीर ¨सह राठौर, डीएसपी, साइबर सेल


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