संगठित गिरोह की सक्रियता के नहीं मिले सुबूत
कंडक्टर भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में विशेष जांच दल को किसी संगठित गिरोह की सक्रियता के सुबूत नहीं मिले हैं।
राज्य ब्यूरो, शिमला : कंडक्टर भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) को संगठित गिरोह की सक्रियता व इसके संलिप्त होने के अभी तक कोई सुबूत नहीं मिले हैं। एसआइटी अभी यह मान कर चली है कि इस मामले में केवल पांच लोगों की ही संलिप्तता रही है। हालाकि जाच अभी बंद नहीं हुई है। अब जाच व्यवस्थागत खामियों पर केंद्रित हो गई है।
जांच में पता लगाया जा रहा है कि परीक्षा के संचालन में कहा और किस स्तर पर चूक बरती गई। परीक्षा केंद्रों में जैमर नहीं लगाने को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों का भी जाच के दौरान जवाब तलाशा जा रहा है। डीजीपी संजय कुंडू ने डीआइजी (क्राइम) बिमल गुप्ता की अगुवाई में एसआइटी का गठन किया था। यह टीम 19 अक्टूबर को गठित की गई थी। चंद दिनों के भीतर ही पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
मुख्य आरोपित मनोज कुमार जवाली क्षेत्र का रहने वाला है। वही मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। अभी जाच कई बिंदुओं पर चल रही है। जैसे ही जांच पूरी होगी, रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी जाएगी। इसमें परीक्षा के संचालन में बरती गई कथित लापरवाही से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की भी सिफारिश की जाएगी। इससे पहले पुलिस की भर्ती में भी फर्जीवाड़ा हुआ था। तब भी कई तरह की सिफारिशें पुलिस ने की थीं लेकिन अन्य भíतयों में इस पर अमल नहीं किया गया। कंडक्टर भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था। सरकार ने परीक्षा तो रद नहीं की लेकिन डीजीपी को विशेष जाच दल गठित करने के निर्देश दिए थे। शिमला जिले में दो भाइयों की इस केस में संलिप्तता पाई गई थी। डीआइजी (क्राइम) बिमल गुप्ता ने माना कि अभी तक केस में किसी संगठित गिरोह के सक्रिय होने के प्रमाण नहीं मिले हैं।