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हाटी समुदाय का दोबारा नहीं होगा सर्वे

सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के करीब तीन लाख लोगों की उम्मीदों को फिर पंख लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 10:29 PM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 10:29 PM (IST)
हाटी समुदाय का दोबारा नहीं होगा सर्वे
हाटी समुदाय का दोबारा नहीं होगा सर्वे

रमेश सिंगटा, शिमला

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सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के करीब तीन लाख लोगों की उम्मीदों को फिर पंख लग गए हैं। इस क्षेत्र में सरकार जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाने के लिए दोबारा सर्वे नहीं करेगी। भाजपा सरकार ने पहले लोकुर कमेटी सिफारिशों के आधार पर किए गए सर्वे को ही कंसीडर करने का आग्रह किया है। इस सिलसिले में अब प्रदेश के जनजातीय मामलों के प्रधान सचिव ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

केंद्रीय मंत्रालय से हाटी समुदाय को एसटी घोषित करने का आग्रह किया है। ऐसा जोंसार बाबर की तर्ज पर किया जाए। जोंसार 1967 से एसटी घोषित है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया कार्यालय (ओआरजीआइ) ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को रद कर दिया था। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद हिमाचल सरकार भी खासी हरकत में आई। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव का दोबारा परीक्षण करने के निर्देश दिए। इसमें फिर सर्वे करने की बात कही गई। इनमें सरकार को एथनोग्राफिक स्टडी करनी थी। पहले केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त नोडल एजेंसी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का जनजातीय विकास अध्ययन केंद्र गहन अध्ययन कर रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज चुका है। आरजीआइ कार्यालय ने सबसे बड़ा ऑब्जेक्शन यही लगाया है कि गिरिपार का हाटी समुदाय इकलौता समुदाय नहीं है। हाटियों का तर्क है कि किन्नौर, लाहुल, उत्तराखंड का जोंसार बाबर भी इकलौता समुदाय नहीं है, फिर यह मानक सिरमौर के लिए क्यों लागू हो? प्रदेश से मंत्रिमंडल की बैठक में गिरिपार को एसटी घोषित करने की सिफारिश पहले ही हो चुकी है। भाजपा सरकार ने इस मसले को केंद्र सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाया है। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रस्ताव को अनुमोदित किया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में ऐसा नहीं हो पाया था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में केंद्रीय राज्य जनजातीय मंत्री जसवंत सिंह भभोर के साथ भी हाटी समुदाय का मुद्दा उठाया था। उन्होंने हाटी के लोगों के हितों की जोरदार पैरवी की थी।

सांसद कर रहे पैरवी

शिमला के सांसद वीरेंद्र कश्यप कई वर्षो से इस मामले की केंद्र के सामने जोरदार पैरवी कर रहे हैं। हालांकि अभी तक इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है। दिल्ली में भी गूंजा मामला

यह मामला नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के दरबार में भी गूंजा है। शिमला के सांसद समेत हाटी समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में उनसे मुलाकात की थी।


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