नीट संयुक्त राज्य मेरिट सूची में शिमला की भव्या टापर
जागरण संवाददाता शिमला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की राज्य संयुक्त मेरिट सूची जारी कर दी है। शिमला के डाक्टर दंपती की बेटी भव्या ने 685 अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। ऊना की आस्था दूसरे, कांगड़ा के रक्षित तीसरे, शिमला के मत्याणा निवासी अरुज चौथे व ऊना के अंकित पांचवें स्थान पर रहे। मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसिलिग वीरवार से शुरू होगी। वीरवार शाम चार बजे तक प्रार्थी किसी दस्तावेज में सुधार कर जमा करवा सकते हैं। प्रार्थी अपने श्रेणी में सुधार नहीं कर सकता है।
राज्य में आइजीएमसी शिमला, टांडा कॉलेज कांगड़ा के अलावा नेरचौक (मंडी) हमीरपुर, चंबा व नाहन के साथ महर्षि मार्कडेश्वर विश्वविद्यालय (एमएमयू) में प्रवेश के लिए काउंसिलिग की जानी है। इन सभी कॉलेजों में सीटों की संख्या के आधार पर मेरिट सूची में 2714 छात्र मेरिट में रखे हैं। सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की 720 सीटें हैं जबकि एमएमयू में 150 सीटें हैं। डेंटल डॉक्टर के लिए 295 सीटें हैं। इसमें 75 सरकारी व 220 निजी क्षेत्र की सीटें हैं। 23 नवंबर को कॉलेजों का आवंटन कर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सूची जारी की जाएगी। इन्हें 26 नवंबर तक कॉलेजों में ज्वाइनिग देनी होगी।
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मेधावी बोले..
लॉकडाउन ने की मदद : भव्या
राज्य संयुक्त मेरिट में 685 अंक पाकर पहला स्थान पाने वाली भव्या ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सुबह से शाम तक घर में पढ़ाई की। इस दौरान पढ़ने के लिए काफी समय लगा। बायोलॉजी के लिए छह घंटे और अन्य विषयों की पढ़ाई तीन-तीन घंटे की। पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली। इसकी तैयारी के लिए शिमला में ही कोचिग ली।
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निर्धारित था लक्ष्य : आस्था
670 अंक लेकर मेरिट में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली ऊना की आस्था ने कहा कि वह दो साल से तैयारी कर रही थीं और लक्ष्य निर्धारित था। मोबाइल फोन व टीवी से दूर रहकर रोजाना 12 से 14 घंटों तक पढ़ाई की। माता-पिता के मार्गदर्शन से सफलता पाई है। आस्था के पिता विद्युत विभाग में एसडीओ हैं और माता गृहिणी हैं।
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सपना अब हुआ पूरा : रक्षित
कांगड़ा के रक्षित दूसरी कोशिश में नीट उत्तीर्ण करने में सफल रहे। रक्षित कहते हैं कि उन्होंने मेहनत करना लगातार जारी रखा। डाक्टर बनकर सेवा करने का सपना बचपन में देखा था। यह सपना अब जाकर पूरा हुआ है। इस परीक्षा के लिए चंडीगढ़ में कोचिंग भी ली। रक्षित के पिता प्राध्यापक व माता गृहिणी हैं।
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पिता का सपना पूरा किया : अरुज
चौथे स्थान पर रहे अरुज कहते हैं कि पिता का सपना था कि वह डाक्टर बनें। सपने को साकार करने के लिए की गई मेहनत रंग लाई पहली कोशिश में ही नीट में 654 अंक लेकर मेरिट में चौथा स्थान मिला है। दिन में 15 घंटे पढ़ाई करते थे। चंडीगढ़ में परीक्षा के लिए कोचिग ली। शिमला के मत्याणा निवासी अरुज के पिता बागवान हैं।
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मेहनत से पाई सफलता : अंकित
पांचवें स्थान पर रहे ऊना जिले के अंकित का कहना है कि नीट पास करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत की। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने अध्यापकों व माता पिता को दिया। उनके पिता सेना में सिपाही हैं और माता गृहिणी हैं।