'हाईकमान के बुलावे पर नहीं अपने काम से गया था दिल्ली', नेम प्लेट विवाद के बीच बोले विक्रमादित्य
हिमाचल प्रदेश (Nameplate Controversy in Himachal) में इन दिनों अवैध मस्जिद और नेम प्लेट को लेकर जमकर विवाद हो रहा है। हाल ही में विक्रमादित्य सिंह ने सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की बात कही थी। जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें फटकार लगाई थी। विक्रमादित्य दिल्ली से वापस आ चुके हैं और उन्होंने दिल्ली में हाईकमान के साथ हुई बैठक को लेकर बयान दिया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में नेम प्लेट विवाद के बीच लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में दुकानों के बाहर पहचानपत्र लगाने के बयान से पार्टी हाईकमान नाराज नहीं है। लेकिन इस मामले को अन्य राज्य से जोड़ने पर हाईकमान को आपत्ति थी।
'दिल्ली जाने का कार्यक्रम पहले से तय था'
दिल्ली से लौटने के बाद अपने आवास होलीलाज शिमला में पत्रकारों से विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें तलब नहीं किया था। दिल्ली जाने का कार्यक्रम पहले से तय था। विक्रमादित्य ने कहा कि पहचानपत्र को लेकर उनके बयान को राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई।
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स्ट्रीट वेंडर प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट-2014 में पंजीकरण का पहले से प्रविधान है। हिमाचल सरकार ने भी 2016 में इस कानून को लागू कर दिया। रेहड़ी, ढाबों और फास्टफूड कार्नर में पहचानपत्र को लेकर जो कुछ कहा वह सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2010 और 2012 में कह चुका है। एक्ट के नियम पांच में पंजीकरण का प्रविधान है। उन्होंने एक्ट की मूल भावना को ही लागू करने की बात कही थी।
'पिता से सीखा जनता की आवाज उठाना'
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पार्टी के सिद्धांतों पर चलना उनकी जिम्मेदारी है। इससे कभी पीछे नहीं हटेंगे। पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने उन्हें सिद्धांतों पर चलना सिखाया है। स्ट्रीट वेंडर मामले के समाधान के लिए विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कमेटी गठित की गई है, तीन अक्टूबर को जब बैठक होगी तो इसमें तथ्यों को रखा जाएगा।
'संजौली जैसी घटना से पर्यटन होगा प्रभावित'
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा जरूरी है। संजौली जैसी घटनाएं यदि आए दिन होना शुरू हो जाएंगी तो पर्यटन प्रभावित होगा। प्रदेश के हित को भी देखना जरूरी है। देश का कोई भी नागरिक कहीं पर भी जाकर अपना व्यवसाय कर सकता है। कानूनों में इसका प्रविधान है।
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