हरकत में आया नगर निगम, 11 असुरक्षित भवनों का निरीक्षण
नगर निगम प्रशासन पिछले दो महीने से जिस निरीक्षण तो टाल रहा था उसे अचानक बुधवार को प्रशासन ने पूरा कर लिया।
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम प्रशासन दो महीने से जिस निरीक्षण को तीन बार से टाल रहा था उसे अचानक बुधवार को पूरा कर लिया। दैनिक जागरण ने 'तो क्या हादसे के बाद होगा असुरक्षित भवनों का निरीक्षण' शीर्षक से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद बुधवार को निगम के आला अधिकारियों ने असुरक्षित भवनों का निरीक्षण किया। पहले ही नगर निगम के दायरे में 300 भवन असुरक्षित घोषित हैं। 13 आवेदन नगर निगम के पास आए हैं कि भवनों को असुरक्षित घोषित किया जाए। नगर निगम निरीक्षण को बार-बार टाल रहा था। मामला दैनिक जागरण ने उठाया तो निगम हरकत में आया और निरीक्षण किया। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में नगर निगम ने 11 भवनों का निरीक्षण किया। इसके बाद अब नगर निगम निरीक्षण किए हुए भवनों को असुरक्षित घोषित करेगा। जो भवन सुरक्षित हैं उनके आवेदनों को रद किया जाएगा। 11 भवनों की हालत सही नहीं पाई गई है। इन भवनों को अनसेफ घोषित किया जाना है।
नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अनिल शर्मा ने बताया कि भराड़ी, लक्कड़ बाजार और कृष्णानगर सहित शहर के कई हिस्सों का निरीक्षण किया है। यहां पर जहां भवनों की हालत सही नहीं है, इनकी रिपोर्ट बनाने के बाद शीघ्र ही असुरक्षित घोषित किया जाना है। नगर निगम के दायरे में सैकड़ों साल पुराने हैं कई भवन
शिमला में कई असुरक्षित भवन हैं जो कभी भी भूकंप या भारी बारिश के कारण जमींदोज हो सकते हैं। लेकिन लोग आखें मूंदें और जान की परवाह किए बिना परिवारों की जान को जोखिम में डाले हुए हैं। असुरक्षित भवनों में रहने वाले लोगों का कहना है कि इन भवनों की मकान मालिक मरम्मत करें या फिर घरों में रहने वाले लोगों को मरम्मत करने की अनुमति दी जाए। कई साल के कब्जे छोड़ने को लोग तैयार नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर कब्जा जमाए किरायेदारों को हटने के लिए भी भवन मालिकों ने नगर निगम को असुरक्षित घोषित करने के लिए आवेदन किए हैं। अब नगर निगम इन सभी भवनों का निरीक्षण कर रहा है और असुरक्षित भवनों को हटाने और सुरक्षित भवनों का आवेदन रद करेगा।