30 दिन में एक कॉल ऑपरेटर पर आ रहा 41 हजार रुपये खर्च
एक फोन कॉल पर समस्याओं का समाधान करने के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन सीट पर 30 दिन का खर्च 41 हजार रुपये पड़ रहा है। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन के तहत काम करने वाले कॉल ऑपरेटर पर दैनिक 1300 रुपये से अधिक का खर्च आ रहा है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : एक फोन पर समस्याओं का समाधान करने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन में एक कॉल ऑपरेटर का 30 दिन का खर्च 41 हजार रुपये आ रहा है। शिमला में स्थापित हेल्पलाइन केंद्र में प्रदेश के किसी भी भाग से आने वाले लोगों के फोन को सुनने के लिए 80 कॉल ऑपरेटर दो शिफ्टों में काम कर रहे हैं।
सरकार के अधिकृत विभाग की ओर से केवल 30 कॉल ऑपरेटरों का खर्च ही दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त होने वाले खर्च दूसरे हेड से निकाल कर हेल्पलाइन में डाले जा रहे हैं। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इस योजना के लिए वार्षिक ढाई करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर के अलावा अन्य खर्च भी शामिल है। प्रदेश में 16 सितंबर को शुरू हुई इस योजना के तहत अभी तक 22 दिनों के भीतर छह हजार से अधिक लोगों की शिकायतों व समस्याओं का समाधान हो चुका है। इन लोगों को न तो उपमंडल अधिकारी के पास जाना पड़ा और न ही उपायुक्त कार्यालय के चक्कर काटने पड़े। कॉल ऑपरेटर को 8300 रुपये वेतन
भले ही एक महीने के दौरान कॉल ऑपरेटर पर 41 हजार रुपये खर्च आएगा मगर उसे मासिक 8300 रुपये वेतन प्राप्त होगा। लोगों की सुविधा के लिए कॉल सेंटर में सुबह सात बजे से रात दस बजे तक फोन सुने जा रहे हैं। रोजाना दो से तीन हजार के बीच शिकायतें
मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन पर 50878 फोन आए और 13865 शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 6059 शिकायतों का समाधान हो चुका है। लंबित शिकायतें 7806 हैं। वहीं, 2661 लोगों ने मांगें रखी और सुझाव दिए हैं। इसके अलावा 3757 फोन कॉल ऐसी हैं जो पूरी नहीं हो सकीं। हेल्पलाइन पर रोजाना दो से तीन हजार के बीच शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन के लिए सालाना ढाई करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कुछ खर्चें ऐसे हैं जिन्हें दूसरी जगह से पूरा किया जा रहा है।
-रोहन चंद ठाकुर, निदेशक, राज्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग