सरकारी स्कूलों से लगातार कम हो रही छात्रों की संख्या
प्रदेश में अंधाधुंध खुले शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का रुझान कम हो रहा है
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में अंधाधुंध खुले शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का रुझान कम हो रहा है। राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के तहत 5718 ऐसे प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल हैं, जहां बच्चों की तादाद 20 से कम है। कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के बारे में सरकार जल्द फैसला लेगी। फिलहाल इस अहम विषय पर शिक्षा विभाग के जरिये जनता के सुझाव मांगे गए हैं। सरकार ने शून्य दाखिले वाले स्कूलों के अध्यापकों को दूसरी जगह तबदील और समायोजित किया है। यह जानकारी भाजपा विधायक रमेश धवाला के सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने दी।
इसमें कहा गया कि हिमाचल में 4753 प्राइमरी और 964 मिडल स्कूल ऐसे हैं, जहां पर 20 से कम विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शून्य से पांच और छह से 10 बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को बंद करने या विलय करने के बारे में सुझाव मांगे गए हैं। उसके बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी। धवाला ने सवाल पूछा था कि प्रदेश में कितने स्कूलों में विद्यार्थियों की तादाद कम हैं। कितने को बंद करने या मर्ज करने की योजना है। बंद किए स्कूलों में कार्यरत शिक्षक, स्टाफ के बारे में सरकार की क्या नीति है? 20 विद्यार्थियों से कम वाले स्कूल
जिला,प्राइमरी,मिडल
बिलासपुर,286,46
चंबा,423,58
हमीरपुर,213,81
कांगड़ा,847,183
किन्नौर,110,20
कुल्लू,266,39
लाहुल,181,34
मंडी,651,108
शिमला,988,245
सिरमौर,385,71
सोलन,304,63
ऊना,100,16 कुल,4754,964