बेकार था सामान, मैडम ने मॉडल बना दिए
जेबीटी शिक्षक अंकिता वालिया ने पर्यावरण सहेजा और विद्यार्थियों को प्रेराणा दी। वह बेकार सामान से मॉडल बना रही हैं।
संडे स्पेशल
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फ्लैग : पहल : जेबीटी शिक्षक अंकिता वालिया ने पर्यावरण सहेजा, विद्यार्थी भी प्रेरित किए
क्रासर : बेकार सामान से तैयार किए मॉडल व शिक्षण सामग्री
-विद्यार्थियों को दी बेकार सामान खुले में न फेंकने की सीख रविंद्र शर्मा, शिमला
सच्चा गुरु वही है जो सही मार्ग दिखाए..भले-बुरे में भेद करना सिखाकर हमेशा बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करे। मशोबरा खंड के तहत राजकीय प्राथमिक स्कूल कुफरी में तैनात जेबीटी शिक्षक अंकिता वालिया ने विद्यार्थियों का ऐसा ही मार्गदर्शन कर मिसाल कायम की है। वह बेकार सामान का इस्तेमाल कर विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के साथ पर्यावरण भी सहेज रही हैं।
कई लोग घर में बेकार सामान को बाहर फेंक देते हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है। अंकिता ने ऐसा नहीं किया। वह घर में बेकार पड़े सामान को स्कूल ले गई और वहां मॉडल तैयार किए। उन्होंने प्लास्टिक की वस्तुओं को बाहर फेंकने की बजाय उससे शिक्षण सामग्री तैयार की। इस काम में विद्यार्थियों को भी शामिल किया। इन मॉडल व अन्य शिक्षण सामग्री से स्कूल में विद्यार्थी खेल-खेल में ज्ञान बढ़ा रहे हैं। अंकिता ने चार साल पहले यह प्रयोग शुरू किया था। उनकी पहल से पर्यावरण संरक्षण तो हुआ ही, विद्यार्थियों को भी बेकार सामान को खुले में न फेंकने की सीख मिली। अंकिता की शिक्षा देने की नई पद्धति ने एक सरकारी स्कूल को निजी स्कूलों के बराबर लाकर खड़ा कर दिया है। सरकारी स्कूल में 'वेस्ट से बेस्ट' शिक्षा देने की सोच से आलाधिकारी भी काफी खुश हैं। दोबारा प्रयोग में लाया जा रहा बेकार सामान
अंकिता वालिया विद्यार्थियों को घर में इस्तेमाल डिस्पोजल ग्लास व प्लेट, स्ट्रॉ सहित प्लास्टिक की अन्य टूटी फूटी व बेकार वस्तुओं को खुले में फेंकने की बजाय उन्हें स्कूल लाने के लिए प्रेरित करती हैं। वह खुले में फेंके जाने वाले प्लास्टिक सहित अन्य कचरे से मॉडल या स्कूल में शिक्षा से संबंधित अन्य सामान बनवा कर उन्हें दोबारा प्रयोग में ला रही हैं। इनसे बनाए मॉडल व शिक्षण सामग्री
अंकिता ने बताया कि विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल व शिक्षण सामग्री में अखबारें, थर्मोकोल, कार्टन, प्लास्टिक बोतलें, घास, पत्तिया, एक्स-रे पेपर, दीपक, आइसक्रीम स्टिक, टूटी चूड़ियां, माचिस की डिब्बी व तीलियां इस्तेमाल की गई हैं। सभी मॉडल पाठ्यक्रम पर आधारित हैं। स्कूल में विद्यार्थियों को इन मॉडल से शिक्षा दी जा रही है ताकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर हो सके। शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहीं अंकिता
अंकिता के प्रयास को सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने भी सराहा है। उन्होंने दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को भी अंकिता से प्रेरणा लेने को कहा है। अंकिता अब दूसरे शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। उन्होंने दस स्कूलों के शिक्षकों को बेकार सामान से मॉडल बनाने का प्रशिक्षण दिया है। प्रदेश के अन्य स्कूलों से भी शिक्षक उनसे मॉडल बनाने की जानकारी ले रहे हैं।