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मॉक ड्रिल में नहीं खुली दावों की 'सीढ़ी'

रोहड़ू में हुई मॉक ड्रिल में विभागीय दावों की पोल खुल गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:38 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 07:38 PM (IST)
मॉक ड्रिल में नहीं खुली दावों की 'सीढ़ी'
मॉक ड्रिल में नहीं खुली दावों की 'सीढ़ी'

जितेंद्र मेहता, रोहड़ू प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हर विभाग लाखों दावे करता है। इसके लिए मॉक ड्रिल की जाती है ताकि विपरित परिस्थितियों में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। बेसक विभाग मॉक ड्रिल से आपदा से निपटने की तैयारी कर रहा हो। लेकिन मॉक ड्रिल में ही अव्यवस्था सामने आ रही है। ऐसा ही कुछ शुक्रवार को रोहड़ू में हुई दमकल विभाग की मॉक ड्रिल में हुआ। जहां विभाग के दावों की मॉक ड्रिल में ही सामने आ गई। यहां पर मॉक ड्रिल के दौरान लोगों को निकालने के लिए प्रयोग की जाने वाली सीढ़ी ही नहीं खुल पाई। प्राकृतिक आपदा के समय दमकल विभाग की अहम भूमिका रहती है। इसी की तैयारी के लिए शुक्रवार को

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मॉक ड्रिल में दमकल विभाग की अहम भूमिका रहती है। तैयारियों को जांचने के लिए शुक्रवार को रोहड़ू के नए बस स्टैंड में मॉक ड्रिल की गई। लेकिन मॉक ड्रिल में दमकल विभाग सफल नहीं रहा।

मॉक ड्रिल के दौरान कर्मचारी लोगों को बाहर निकालने के तरीके बता रहे थे। इसी दौरान छत पर फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रयोग की जाने वाली सीढ़ी को कर्मचारी समय पर खोल ही नहीं पाए। इसके बाद हड़बड़ाहट में कर्मचारियों ने सीढ़ी को फिर से खोलने का प्रयास किया। लेकिन वे असफल रहे।

रोहड़ू में प्राकृतिक आपदा के समय राहत व वचाव अभियान के प्रति लोंगों को जागरूक करने के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) यूनिट ब¨ठडा ने मॉक ड्रिल करवाई। मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ के साथ दमकल व होमगार्ड, पुलिस व स्थानीय प्रशासन ने भाग लिया। उन्होंने भूकंप आने पर सरकारी तंत्र के इंतजामों के साथ तकनीकी उपायों की जानकारी, राहत व बचाव की आधुनिक तकनीकों बारे बताया। साथ ही घायलों को प्राथमिक उपचार देने की विधि भी बताई। एनडीआरएफ टीम के समन्वयक सुधीर बहुगुणा ने बताया प्राकृतिक आपदा आने पर राहत व बचाव कार्यो को प्रभावी ढंग से लागू करने में स्थानीय प्रशासन की भूमिका सबसे पहले रहती है। ऐसी स्थिति में बचाव दल व प्रशासन के मध्य समन्वय स्थापित होने के बाद ही लोगों को बचाया जाना संभव हो पाता है। एसडीएम ने बताया कि कृषि प्रधान देश में एक समय केवल सुखा पड़ने पर आपदा मानी जाती थी। लेकिन आधुनिक समय में भूकंप, बाढ़, सुनामी व सड़क दुर्घटनाओं को आपदाओं मे लाया गया है। ऐसे में जहां राहत व बचाव एजेंसियों के साथ स्थानीय प्रशासन की भूमिका अहम हो गई है। इस अवसर पर नगर परिषद रोहडू अध्यक्ष राधेश्याम, आरएम रोहडू विनोद शर्मा, दमकल केंद्र रोहडू के प्रभारी सेवगराम, राजेश चौहान सहित अन्य मौजूद रहे।


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