रोशनी चिरागों से ही नहीं बेटियां भी करती हैं उजाला
एबीवीपी के ‘मिशन साहसी’ बेटियों से जुड़ा पहला बड़ा अभियान। ये बेटियाें का कुंभ जैसा लग रहा था।
शिमला, अजय बन्याल। जाखू की पहाड़ियों से सूरज चढ़ ही रहा था। लालिमा ने रिज मैदान को अपने आगोश में भर लिया था..लेकिन जहां भी नजर पड़ी। वहां सिर्फ बेटियां ही दिख रही थी। ये बेटियाें का कुंभ जैसा लग रहा था। स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों से लेकर कॉलेजों की बेटियां एक ही टी शर्ट में नजर आ रही थीं। टी शर्ट पर लिखा था 'मिशन साहसी'। इस नाम से झलक रहा था कि साहस का प्रदर्शन होना है। उत्साह से भरी बेटियां उस वक्त अपना ट्रायल कर रही थीं। कैसे कराटे के माध्यम से आत्मरक्षा की जाती है।
करीब 1300 छात्राएं हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुंची थीं। बेटियों ने बताया कि पेंसिल बैग, एटीएम कार्ड के माध्यम से वह कैसे आत्मरक्षा कर सकती हैं। शिमला नर्सिग की छात्रा सोनिया ने कहा कि हम किसी से कम नहीं हैं। ट्रेनिंग से हमारा हौसला और बढ़ा है। वहीं तीसरी पंक्ति में खड़ी पोर्टमोर की छात्रा कुसुम ने कहा कि साहसी शब्द से उत्साह बढ़ जाता है। प्रदर्शन में छात्राओं ने हाथ और सिर से जलते मारवल को तोड़कर अपनी शक्ति दिखाई। बेटियों का यह उत्साह देखकर उपस्थित लोग दांतों तले अंगुली दबाने के लिए मजबूर हो उठे। बेटियां के साहस को देखकर यही कह सकते हैं कि 'जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो, बेटियां भी घर में उजाला करती हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्रीय आहवान पर महाराष्ट्र से 'मिशन साहसी' शुरू किया है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश की प्रांत ईकाई ने प्रदेश में 12 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक पंजीकरण किया गया। आठ हजार से अधिक छात्राओं ने अपना पंजीकरण करवाया। 23 से लेकर 28 अक्टूबर तक कराटे का प्रशिक्षण प्रदेश भर में दिया गया। मंडी हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, शिमला, सोलन चंबा, धर्मशाला, जिला में मेगा डेमोस्ट्रेशन हो चुका है। इनमें पांच हजार से छात्राओं ने अपना प्रदर्शन दिया। हिमाचल के इतिहास में पहली बार इस तरह के व्यापक अभियान आयोजित किया गया।
बेटी का संघर्ष उसके पैदा होने से पहले ही मा की कोख से शुरू हो जाता है जो जीवन भर चलता है। कन्या भ्रूण हत्या को रोकना सबका पहला कदम होना चाहिए तभी सही मायने में बेटिया सुरक्षित हो पाएंगी। कन्याओं को कोख में न मारकर उन्हें साहस से बढ़ा करें, नारी ही शक्ति का ही स्वरूप है इसका सबसे बड़ा उदाहरण भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप है। शिव व शक्ति से ही जीवन आगे चल सकता है।
-स्मृति इरानी, केंद्रीय कपड़ा मंत्री
''आत्म रक्षा के लिए तन की प्रबलता से अधिक मन की प्रबलता जरूरी होती है। मन से सहासी बनें और अन्याय से लड़ें।
-शालिनी अग्निहोत्री एसपी कुल्लू
साहस सपनों को बदल देता है, सपने देखना हर व्यक्ति का अधिकार होता है। इन सपनों को साकार करने के लिए साहस जरूरी है।
-छवि सक्सेना सेना के मेजर पद से सेवानिवृत्त
''नारी कमजोर नहीं है बल्कि उसे उसकी ताकत दिखाने की हिम्मत नहीं हो पाती। इसी हिम्मत को जगाने का प्रयास एबीवीपी ने मिशन साहसी के माध्यम से किया है।''
-डॉ. नितिन ब्यास प्रदेशाध्यक्ष एबीवीपी