अब आइसक्रीम बनाएगा मिल्कफेड
जागरण संवाददाता, शिमला : सरकारी उपक्रम मिल्कफेड ने अब आइसक्रीम बनाने का निर्णय लिया है। इस
जागरण संवाददाता, शिमला : सरकारी उपक्रम मिल्कफेड ने अब आइसक्रीम बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 109 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। इसके मुताबिक मिल्कफेड के प्लांटों का आधुनिकरण किया जाएगा। साथ ही साथ नए प्रोडक्ट मार्केट में उतारे जाएंगे।
वीरवार को मिल्कफेड के चेयरमैन निहाल चंद शर्मा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में हिमाचल काडर के अधिकारी तरुण श्रीधर से मिले। इस दौरान योजना की कॉपी सौंपी और वित्तीय सहायता की मांग की। अधिकारी ने आश्वसन दिया कि 20 दिन के भीतर बजट मुहैया करवाने का प्रयास किया जाएगा। अगर केंद्र सरकार की और से बजट मुहैया हो जाता है तो मिल्कफेड में काफी आधारभूत ढांचा बदल जाएगा। प्लाटों का आधुनिकीकरण होने से और भी बेहतर दुग्ध उत्पाद तैयार किए जा सकेंगे। मिल्कफेड जल्द ही हिम मिल्क के नाम से फ्रेश मिल्क बाजार में उतारेगा। हालाकि पहले से ही मिल्कफेड बाजार में दूध बेच रहा है। मौजूदा समय में मिल्कफेड प्रदेशभर में करीब 80 हजार लीटर दूध प्रतिदिन किसानों से एकत्र कर रहा है। जबकि उत्पादन काफी अधिक होने की क्षमता है। मगर प्लांट की क्षमता कम है और इसी वजह से प्रोसिंग नहीं हो पाती है। इसके लिए प्रदेश में पाच सौ के करीब दुग्ध सोसायटिया काम कर रही हैं। मिल्कफेड करीब 25 से 30 हजार लीटर दूध बेच रहा है। यह दूध मुख्यत: अस्पतालों, स्कूलों जैसे सरकारी संस्थानों को दिया जा रहा है। लेकिन नए मिल्क को लाच करने के साथ मार्केट में मिल्कफेड के दूध की हिस्सेदारी भी बढ़ जाएगी।
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दत्तनगर और मंडी प्लांट का आधुनिकीकरण
उक्त प्लान में रामपुर के साथ सटे दत्तनगर में स्थित प्लांट की क्षमता को बढ़ाने का प्रस्ताव है। यहां पर 30 हजार लीटर का उत्पादन होता है। जबकि आसपास क्षेत्रों दूध का उत्पादन 70 हजार लीटर उत्पन्न होता है। मगर प्लांट में प्रोसिंग नहीं हो पाता है। वहंी दूसरा प्लांट मंडी में स्थित जोकि इंडो जर्मन तकनीक का है। यहां की क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा। दोनों ही प्लांटों में वर्षो पुरानी मशीनें लगी हैं।