मिड डे मील वर्कर्स के मानदेय में बढ़ोतरी की जाए
मिड डे मिल वर्कर यूनियन संबंधित सीटू रामपुर ने शुक्रवार को उपमंडलाधिकारी रामपुर के माध्यम से केंद्रीय मंत्री एवं प्रभारी वित्त एवं कॉरपोरेट मंत्रालय पीयूष गोयल को वेतन बढ़ोतरी करने के लिए ज्ञापन भेजा है।
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : मिड डे मिल वर्कर यूनियन (सीटू) रामपुर ने शुक्रवार को एसडीएम रामपुर के माध्यम से केंद्रीय मंत्री एवं प्रभारी वित्त एवं कॉरपोरेट मंत्रालय पीयूष गोयल को मानदेय में बढ़ोतरी करने के लिए ज्ञापन भेजा है। यूनियन ने गुहार लगाई कि लंबे समय से इनके मानदेय में किसी तरह से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। इस कारण मंहगाई के दौर में उन्हें अपने परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।
यूनियन की उपाध्यक्ष आशु भारती और महासचिव कौशल्या देवी ने कहा कि देश में 26 लाख के करीब मिड डे मिल वर्कर 12 लाख स्कूलों के 11 करोड़ बच्चों के लिए दोपहर का भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं। उन्हें केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में नजरअंदाज किया गया। उनके मानदेय वेतन में लंबे से किसी भी तरह से इजाफा नहीं हो रहा है, जिस कारण वर्कर में भारी रोष है। प्रधानमंत्री ने सितंबर माह में उनके मानदेय में बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी। बावजूद इसके उन्हें किसी प्रकार के लाभ नहीं दिया गया। वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी मिड डे मिल वर्कर के वेतन में बढ़ोतरी करने को सरकार की प्राथमिकता पर रखने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि वर्कर को एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। देश में कुपोष्ण की समस्या भी एक गंभीर बिमारी है। जिसमें मिड डे मिल शुरू होने के बाद से गिरावट दर्ज की जा रही है और सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। जो मिड डे मिल वर्कर की मेहनत से ही संभव हो पाया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि उनके मानदेय में बढ़ोतरी की जाए और 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को भी लागू किया जाए।