26 सूत्रीय मांग पत्र पर सरकार नहीं गंभीर
सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूर संघ ने विभिन्न श्रेणी के मजदूरों की समस्याओं को लेकर प्रदेश सरकार को 26 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था लेकिन सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है।
संवाद सूत्र, ठियोग : मिड-डे मील वर्कर की देहा व ठियोग इकाई की बैठक बुधवार को हुई। बैठक के बाद संघ के प्रदेश कार्यालय सचिव दिनेश शर्मा ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। कहा कि संघ ने विभिन्न श्रेणी के मजदूरों की समस्याओं को लेकर प्रदेश सरकार को 26 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था, लेकिन सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। प्रदेश सरकार से आग्रह किया था कि इसपर चर्चा के लिए संघ को बुलाया जाए, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी प्रदेश सरकार का रवैया मजदूर संगठन के प्रति उपेक्षापूर्ण है। शर्मा के अनुसार मुख्यमंत्री से हुई अनौपचारिक मुलाकात के बाद उन्होंने भी जल्द बातचीत के लिए बुलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक संघ केवल प्रतीक्षा कर रहा है। बैठक में प्रस्ताव पारित कर 24 मई 2018 को भवन निर्माण कामगार बोर्ड की अधिसूचना को बहाल करने की मांग की गई, जिसमें सुरेंद्र ठाकुर को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। दिनेश शर्मा ने बताया कि भामस के प्रदेश कार्यालय सचिव के अनुसार उनके मांग पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करना और पदोन्नति में उन्हें पूर्व धूमल सरकार की तर्ज पर 90 फीसद कोटा देना शामिल है, जिसे पूर्व कांग्रेस सरकार ने 70 फीसद कर दिया था। इसके अलावा आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि के बजाए न्यूनतम वेतन, मिड-डे मील कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन, जलरक्षकों को नियमित करने व न्यूनतम वेतन देने, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने, सिलाई कटाई अध्यापिकाओं को अनुबंध कर्मियों की तरह नियमित करना, स्थायी कार्य पर ठेका प्रथा बंद कर श्रमिकों को नियमित करना, डीसी शर्मा को बैंक सेवा में बहाल करना आदि उनकी प्रमुख मांगे हैं। बैठक में देहा ब्लॉक अध्यक्ष सुनीता वर्मा, महासचिव, प्रेस सचिव अमित, ठियोग अध्यक्ष भागो देवी, सचिव इंद्रा देवी आदि मौजूद रहीं।