अब और पौष्टिक होगा सरकारी स्कूलों में मिलने वाला मिड-डे मील
सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील को और पौष्टिक बनाने के लिए खाने को डबल फोर्टिफाइड नमक और फोर्टिफाइड एडिबल ऑयल में बनाया जाएगा।
शिमला, जेएनएन। सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मिड-डे मील अब और पौष्टिक होगा। विद्यार्थियों के लिए पकाए जाने वाले खाने को डबल फोर्टिफाइड नमक (आयरन व आयोडीन युक्त) और फोर्टिफाइड एडिबल ऑयल (विटामिन ए और डी) में पकाया जाएगा। इस योजना की घोषणा सरकार बजट में करेगी।
राज्य सचिवालय में सोमवार को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित प्री-बजट बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में अधिकारियों ने तर्क दिया कि इसके लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी। विभाग इसके लिए सरकार से अतिरिक्त बजट मांगेगा। खाद्य आपूर्ति निगम के माध्यम से ही इसकी खरीद की जाएगी। मिड-डे मील के लिए 90 फीसद बजट केंद्र सरकार से आता है जबकि 10 फीसद बजट राज्य सरकार देती है।
प्रदेश में 15516 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा तक 4,97,774 विद्यार्थी नामांकित हैं जिन्हें मिड-डे मील परोसा जाता है। बैठक में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा रोहित जमवाल, निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
शिक्षा विभाग ने 9700 मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप आवंटन के आदेश जारी किए हैं। सभी शिक्षा उप निदेशक कार्यालय में लैपटॉप पहुंच चुके हैं। शिक्षा उप निदेशक इनका आवंटन अपने स्तर पर करेंगे। कितने छात्रों को लैपटॉप बांटे गए है, इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेजने को कहा गया है। बजट सत्र शुरू होने से पहले ही लैपटॉप का आवंटन पूरा करने की तैयारी है।
मुफ्त किताबें, वर्दी, स्कूल बैग लैपटॉप योजना जारी रहेगी
बैठक में निर्णय लिया गया कि स्कूलों में छात्रों को स्मार्ट वर्दी, मेधावी छात्रों को लैपटॉप, मुफ्त बैग, किताबों को देने की योजनाओं को इस सत्र में भी जारी रखा जाएगा। स्कूल बैग उन्हीं तीन कक्षाओं को दिए जाएंगे जिनकी घोषणा की गई थी। इस साल बजट में इन सभी योजनाओं को शामिल किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने बैठक में अटल आदर्श विद्यालय सहित अन्य योजनाओं के संबंध में चर्चा की। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने निर्देश दिए कि इन कार्यों को जल्द पूरा करें।
एसएमसी शिक्षकों पर भेजा जवाब
स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) शिक्षक स्कूलों में सेवाएं देंगे या नहीं, इस पर भी बैठक में चर्चा हुई। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जमवाल की ओर से सरकार को एसएमसी शिक्षकों के मामले में जवाब भेज दिया गया है। विभाग इस मसले पर अभी कानूनी राय ले रहा है। सूत्रों के मुताबिक जवाब में कहा गया है कि इन शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखने की अनुमति तब मांगी गई थी क्योंकि इन्हें यदि हटा दिया जाता है तो स्कूलों में शिक्षकों की कमी खल जाएगी। यह भी कहा गया है कि स्कूलों में टीजीटी की भर्ती प्रक्रिया रुकी है।
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