पका तो दूर, कच्चे दाल-चावल की जांच से भी परहेज
प्रदेश में पका हुए भोजन की जांच की व्यवस्था नहीं है, लेकिन कच्चे दाल-चावल की जांच भी नहीं करवाई जा रही है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2004 से मिड-डे मील परोसा जा रहा है, लेकिन आजतक एक भी सैंपल दाल-चावल का नहीं भरा गया।
रविंद्र शर्मा, शिमला
प्रदेश में पका हुए भोजन की जांच की व्यवस्था नहीं है, लेकिन कच्चे दाल-चावल की जांच भी नहीं करवाई जा रही है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2004 से मिड-डे मील परोसा जा रहा है, लेकिन आजतक एक भी सैंपल दाल-चावल का नहीं भरा गया।
बच्चे कुपोषण का शिकार न हों इसके लिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील शुरू किया गया है। लेकिन इसमें मिलने वाले दाल-चावल की गुणवत्ता क्या है इसकी जांच करवाने की जहमत नहीं उठाई गई। बच्चों को बिना जांचे परखे ही दाल-चावल पकाकर परोसे जा रहे हैं। हालांकि प्रदेश में कच्ची खाद्य सामग्री के सैंपलों की जांच की सुविधा भी है। जहां तक पके हुए भोजन की जांच का सवाल है उसकी भी खानापूर्ति के लिए ही कुछ साल पहले जांच करवाई गई थी। पंजाब सीमा से सटे स्कूलों से पके हुए भोजन की जांच प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने पंजाब के मोहाली स्थित निजी लैब में करवाई थी।
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अब कंडाघाट लैब में करवाई जाएगी जांच
प्रारंभिक शिक्षा विभाग 14 साल बाद नींद से जागा है। अब मिड डे मील के लिए आने वाले कच्चे दाल और चावल की जांच करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसकी जांच सोलन जिला की कंडाघाट स्थित लैब में करवाई जाएगी। सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के लिए चावल की सप्लाई फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया से आती है, जबकि दालों और तेल की खरीद स्कूल अपने स्तर पर कर रहे हैं।
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15446 स्कूलों में परोसा जा रहा मिड डे मील
प्रदेश के 15466 स्कूलों में मिड डे मील योजना चल रही है। इसके तहत 3,58000 से अधिक बच्चों को स्कूलों में दोपहर का खाना परोसा जा रहा है।
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निरीक्षण समिति का गठन
प्रांरभिक शिक्षा विभाग ने मिड डे मील की गुणवत्ता जांच के लिए अभी निरीक्षण की व्यवस्था की है। इसके लिए जिलास्तर पर तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसमें जिला उपायुक्त, फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया का जिला अधिकारी और एक सदस्य खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से शामिल गया है। मिड डे मील के निरीक्षण के लिए इस समिति की जिम्मेदारी तय की गई है, लेकिन यह समितियां भी कुछ जिलों में ही सक्रिय हैं।
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मिड डे मील के कच्चे दाल चावल के सैंपल की जांच करवाने की तैयारी की जा रही है। आलाधिकारियों से चर्चा करने के बाद ही कच्चे दाल और चावल की जांच करवाने का निर्णय लिया जाएगा।
-नरेश शर्मा, प्रभारी राज्य मिड डे मील योजना।