सुप्रीम कोर्ट में हिमाचली मामलों की प्रमुखता से होगी पैरवी
सुप्रीम कोर्ट में लंबित हिमाचल प्रदेश के मामलों की पैरवी अब प्रमुखता से होगी। यह जानकारी मुख्य सचिव ने दिल्ली में अधिवक्ताओं से हुई बैठक में दी
राज्य ब्यूरो, शिमला : सुप्रीम कोर्ट में लंबित हिमाचल प्रदेश के मामलों की पैरवी अब प्रमुखता से होगी और लंबित केस लंबे नहीं खींचेंगे। अदालत में चल रहे मामलों का शीघ्र निपटारा होगा। सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना के मामलों की जानकारी तुरंत सचिवालय में उपलब्ध करवानी होगी। अदालत में चल रहे मामलों के परिणाम प्रतिशत में सुधार लाना पड़ेगा। मुख्य सचिव पद का दायित्व संभालने के बाद गत दिनों दिल्ली दौरे पर गए बीके अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में मामलों की पैरवी करने वाली टीम के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि लंबित मामलों की पैरवी में प्रदेश सरकार की ओर से पक्ष रखने में देरी न हो। प्रत्येक केस की सुनवाई में तारीख लेने के सरल प्रावधान की अपेक्षा सरकार का पक्ष मजबूती से रखा जाए। ऐसा करने से लंबित मामलों का निपटारा शीघ्र अतिशीघ्र होगा। मामलों के निपटारे संबंधी तैयारी से लेकर सभी पक्षों में गुणात्मक सुधार लाने की जरूरत है, ताकि अनावश्यक तौर पर मामले आगे से सरकते न रहें। देखने में आया है कि सरकार के किसी समकक्ष अधिकारी के खिलाफ अवमानना दायर होती है और सरकार को तुरंत उसकी जानकारी नहीं मिलती है।
महाधिवक्ता व प्रधान विधि सचिव
जिस तरह से मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाले अधिवक्ताओं की टीम के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की, इसी तरह समय-समय पर प्रदेश उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता और सरकार के प्रधान विधि सचिव भी केसों की पैरवी करने में तेजी लाने के सुझाव देते रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार की ओर से दायर मामलों की पैरवी करने के लिए सात अतिरिक्त महाधिवक्ताओं का पैनल उपलब्ध रहता है। ऐसा इसलिए
ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि अनावश्यक समय की बर्बादी को रोका जा सके। साथ ही लंबित मामलों का निपटारा शीघ्र हो सके।