दिसंबर तक शुरू हों 10 हजार करोड़ की परियोजनाएं
प्रदेश में निवेशकों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन ऐजेंसी स्थापित करेगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में निवेशकों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन एजेंसी स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एजेंसी स्थापित करने के साथ दिसंबर में सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर होने वाले समारोह से पूर्व 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। वह शुक्रवार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के संदर्भ में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन्वेस्टर्स मीट के दौरान हुए एमओयू को जमीन स्तर पर उतारा जाए। इस दिशा में हर अधिकारी कार्य कर रिपोर्ट पेश करे। वहीं पर्यावरण स्वीकृतियों और धारा-118 की स्थिति के बारे में भी साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी है। परियोजनाओं के लिए सरकारी भूमि चिह्नित करने और बैठकों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिसंबर में प्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर भव्य समारोह होगा। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निवेश के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों पर शीघ्र धरातल पर कार्य शुरू हो। हर प्रमुख व्यवसाय समूहों के साथ नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं, ताकि कंपनी से परियोजनाओं के लिए स्वीकृतियां प्रदान करने की प्रक्रिया के बारे में संपर्क रखा जा सके। बड़ी परियोजनाओं के लिए भी विशेष समर्पित अधिकारी तैनात किए जाएं। विदेशी प्रतिनिधियों के साथ समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वांछित परिणामों को प्राप्त करने के लिए सभी अधिकारी निष्ठा से कार्य करेंगे। सरकारी व निजी भूमि को मिलाकर भूमि बैंक
जयराम ने कहा कि सरकारी और निजी भूमि को मिलाकर भूमि बैंक स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि संभावित निवेशकों को उनकी मांग के अनुरूप भूमि उपलब्ध करवाई जा सके। भूमि बैंक के समुचित समन्वय के लिए भी नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। सरकार ने 92819 करोड़ रुपये के एमओयू किए हैं। इनमें से 89302 करोड़ के 610 समझौता ज्ञापनों को हिम प्रगति पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी एमओयू को इस पोर्टल पर अपलोड किया जाए। सरकार ने जो नई नीतियां तैयार की हैं उन्हें विभाग अधिसूचित करें, ताकि निवेशकों को औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहनों का लाभ मिल सके।