कबाड़ बिक्री और पानी के बिलों पर हुआ हंगामा
2. अगले तीन साल में शहर में स्मार्ट सिटी के तहत बनेगी पार्किंग पुटपाथ पुट ब्रिज एस्केलटर और हाई मास्क लाइट 3. मर्ज के साथ कोर एरिया में भी पानी के बिल घटाने की मांग पार्षद आरती चौहान ने पानी के मसले पर डिप्टी मेयर के मांगा इस्तीफा
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम की मासिक बैठक में स्क्रैप (कबाड़) बिक्री और पानी के बिलों को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। जल प्रबंधन बोर्ड ने हाउस की अनुमति के बिना स्क्रैप बेचा गया था। महापौर कुसुम सदरेट सहित सभी पार्षदों ने स्क्रैप बिक्री मामले में विजिलेंस जांच की मांग की है। पार्षदों ने तर्क दिया कि पुराना स्क्रैप नगर निगम की संपत्ति है। इसे जल प्रबंधन निगम कैसे बेच सकता है। इसका पूरा ब्योरा हाउस में पेश करने की मांग भी पार्षदों ने उठाई।
उप महापौर राकेश शर्मा ने कहा कि स्क्रैप में छह लाख के ब्रास के मीटर भी शामिल थे। इसके अलावा बड़ी मात्रा में स्क्रैप था। नगर निगम आयुक्त पंकज राय ने कहा कि अगली बैठक में मामला फैक्ट के साथ लाया जाएगा कि स्क्रैप कितने में बिका है और इससे निगम को कितना हिस्सा मिला है। इसके बाद जो निर्णय हाउस का होगा उस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वहीं पानी के बिलों को लेकर भी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। लोगों को एक-एक साल के लाखों रुपये बिल पानी के आ रहे हैं। एक साथ लाखों रुपये बिल देने में लोग असमर्थ हैं। ऐसे में प्रति माह बिल दिया जाए। इस पर निर्णय हुआ कि दिसंबर से प्रति माह पानी के बिल लोगों को दिए जाएंगे। अभी तक जारी किए गए बिलों की वार्ड वाइज डिटेल जल प्रबंधन निगम हाउस में पेश करेगा।
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मीटर खरीद के लिए बनाई कमेटी
पार्षद संजय परमार सहित सभी पार्षदों ने पानी के खराब मीटरों को लेकर भी नाराजगी जताई। 12 करोड़ की राशि शहर में पानी के मीटर के लिए स्वीकृत की गई थी। इसमें ऐसे मीटर लगाए जाने थे जो मोबाइल से क्नेक्ट होने थे और पानी का बिल इसी मोबाइल पर आना था। लेकिन जब शहर में मीटर लगे तो इसमें इस तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। जो मीटर लगे वह एक साल से भी कम समय में खराब हो गए और कई मीटर तो पहले से ही खराब थे। जल प्रबंधन निगम द्वारा लोगों को मीटर खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। लोग पैसे से बाजार से मीटर खरीद रहे हैं।
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मर्ज एरिया में पानी की दरों को लेकर होगा स्पेशल हाउस
शहर के मर्ज एरिया में पानी की दरों पर भी सदन में कोई फैसला नहीं हो सका। मर्ज एरिया में पानी की दरों को लेकर विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें फैसला होगा कि मर्ज एरिया और शहर के अन्य अनियमित भवनों में घरेलू उपयोग की दरें क्या होगी। इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा जिस पर सरकार की अनुमति मिलने के बाद इसे शहर में लागू किया जाएगा।