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महंगे फर्नीचर के लिए तकनीकी कमेटी की हां, बोर्ड की न

राजधानी शिमला में ढली स्थित कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के लिए अब महंगे दामों पर फर्नीचर की खरीद नहीं होगी। राज्य मार्केटिग बोर्ड ने इस पर रोक लगा दी है। तकनीकी कमेटी ने छह हजार के बेड बॉक्स को छह दुना ज्यादा दामों पर खरीदने को हां कर दी थी। छह हजार का बेड बॉक्स छत्तीस हजार में खरीदने की पूरी तैयारी की जा रही थी। इसके लिए बाकायदा फर्माें से कूटेशन मंगवाई गई। ई- टेंडर भी करवा दिया। लेकिन बोर्ड की विशेष कमेटी ने फर्म के फर्नीचर का सैंपल सही नहीं पाया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 04:04 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 04:04 PM (IST)
महंगे फर्नीचर के लिए तकनीकी
कमेटी की हां, बोर्ड की न
महंगे फर्नीचर के लिए तकनीकी कमेटी की हां, बोर्ड की न

राज्य ब्यूरो, शिमला : राजधानी शिमला में ढली स्थित कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के लिए अब महंगे दाम पर फर्नीचर की खरीद नहीं होगी। राज्य मार्केटिग बोर्ड ने इस पर रोक लगा दी है। तकनीकी कमेटी ने छह हजार रुपये के बेड बॉक्स को छह गुना दाम पर खरीदने को हां कर दी थी।

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छह हजार का बेड बॉक्स 36 हजार रुपये में खरीदने की तैयारी की जा रही थी। इसके लिए फर्मो से कोटेशन मंगवाई गई। ई-टेंडर भी करवा दिया लेकिन मार्केटिग बोर्ड की विशेष कमेटी ने फर्म के फर्नीचर का सैंपल सही नहीं पाया। इसके आधार पर 46 लाख की खरीद के टेंडर को रद कर दिया गया है। बोर्ड ने तय किया है कि वह यह खरीद नहीं करेगा। यह कार्य एपीएमसी अब खुद करेगा। खुले बाजार या फर्म से नहीं बल्कि राज्य सरकार की अधिकृत एजेंसी से फर्नीचर खरीदा जाएगा।

फर्नीचर एपीएमसी के किसान भवन ढली में लगना था। मार्केटिग बोर्ड ने करीब 46 लाख की लागत से साधारण बेड बॉक्स सहित कुछ सोफा सेट, डायनिग टेबल व सिगल बेड खरीदने के लिए ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किए। चार फर्मो ने फर्नीचर खरीदने में रुचि दिखाई लेकिन दो फर्मे तकनीकी आधार पर बाहर हो गई। शेष दो फर्मो में से दिल्ली की एक फर्म को फर्नीचर खरीद का जिम्मा सौंपा गया। तकनीकी कमेटी पर उठे सवाल

अगर मार्केटिग बोर्ड की निगाह न पड़ती तो सरकार को लाखों रुपये का चूना लगता। एपीएमसी शिमला के सचिव, मार्केटिग बोर्ड के अधिशाषी अभियंता और अकाउंटेंट तकनीकी कमेटी के सदस्य थे। कमेटी ने महंगे बेड बॉक्स खरीदने को स्वीकृति दी थी। अब तकनीकी कमेटी पर सवाल उठ रहे हैं। फर्म का मोलभाव से इंकार

दिल्ली की जिस फर्म से खरीद होनी थी, उसने बोर्ड को दाम में किसी प्रकार का मोलभाव करने से इंकार किया। फर्म केवल एक फीसद दाम कम करने पर सहमत थी जबकि बोर्ड की विशेष कमेटी तय दाम से आधा करवाना चाहती थी। इस संबंध में कानूनी राय भी ली गई है।

लाखों का घपला होने से बचाया : बलदेव भंडारी

मार्केटिग बोर्ड के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि फर्नीचर की महंगे दाम पर खरीद हो रही थी। लेकिन उन्होंने लाखों का घपला होने से बचा लिया। विशेष कमेटी ने खुद दिल्ली से संबंधित फर्म से सैंपल उठाया। इसकी गुणवत्ता सही नहीं थी। तकनीकी कमेटी ने कोटेशन के आधार पर खरीद के लिए हामी भरी थी। हमने टेंडर रद कर सरकारी एजेंसी से ही खरीद करने का फैसला लिया है। भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा।

फर्नीचर के दाम काफी ज्यादा दर्शाए गए। बोर्ड ने ऑनलाइन टेंडर रद कर दिया है। दोबारा ऐसा टेंडर नहीं होगा।

आरके कौंडल, प्रबंध निदेशक, मार्केटिग बोर्ड फर्म का सैंपल स्वीकृत नहीं हो पाया। इसलिए टेंडर रद किया गया है। कमेटी ने क्या किया, इसकी सूचना मेरे पास नहीं है।

असिस्टेंट कंट्रोलर, फाइनेंस एंड अकाउंट, मार्केटिग बोर्ड


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