Move to Jagran APP

उद्घोषित अपराधी घोषित होगा करोड़ों के घोटाले का मुख्य आरोपित

इंडियन टेक्नोमेक कंपनी का मुख्य कर्ताधर्ता और छह हजार करोड़ के कर- कर्ज घोटाले का मुख्य आरोपित आरके शर्मा अब उद्घोषित अपराधी घोषित होगा। इसके लिए स्टेट सीआइडी की क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में प्रक्रिया आरंभ कर दी है। जैसे ही पीओ घोषित होगा आरोपित के खिलाफ उसकी अनुपस्थिति में भी कोर्ट में ट्रायल चल सकेगा। इसके बाद संपत्ति भी कुर्क की जा सकेगी। जांच एजेंसी के अनुसार शर्मा और उसकी कंपनी ने भारत के कई राज्यों समेत विदेशों में भी संपत्ति एकत्र कर रखी है। आरोपित हीरे का भी कारोबारी है। अभी वह विदेश में छिपा हुआ है। सूत्रों के अनुसार वह अलग- अलग देशों में अपने ठिकाने बदलता रहता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 07:58 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 07:58 PM (IST)
उद्घोषित अपराधी घोषित होगा
करोड़ों के घोटाले का मुख्य आरोपित
उद्घोषित अपराधी घोषित होगा करोड़ों के घोटाले का मुख्य आरोपित

रमेश सिगटा, शिमला

loksabha election banner

सिरमौर जिला के पांवटा साहिब के जगतारपुर में स्थित इंडियन टेक्नोमेक कंपनी का मुख्य कर्ताधर्ता और छह हजार करोड़ रुपये के कर-कर्ज घोटाले का मुख्य आरोपित नई दिल्ली निवासी आरके शर्मा अब उद्घोषित अपराधी (पीओ) घोषित होगा। इसके लिए स्टेट सीआइडी की क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में प्रक्रिया शुरू कर दी है। पीओ घोषित होने के साथ ही आरोपित के खिलाफ उसकी अनुपस्थिति में भी कोर्ट में ट्रायल चल सकेगा। इसके बाद कंपनी व आरोपित की संपत्ति कुर्क की जा सकेगी।

जांच एजेंसी के अनुसार आरके शर्मा और उसकी कंपनी ने भारत के कई राज्यों समेत विदेश में भी संपत्ति एकत्र की है। आरोपित हीरे का भी कारोबारी है। वह विदेश में छिपा हुआ है। सूत्रों के अनुसार वह अलग-अलग देशों में ठिकाने बदलता रहता है। अब स्टेट सीआइडी उसके खिलाफ लैटर ऑफ रोगेट्री (न्यायिक अनुरोध) की प्रक्रिया अपनाएगी। यह प्रक्रिया कोर्ट टू फॉरेन कोर्ट के बीच की होती है। इसके माध्यम से विदेश के कोर्ट से सुबूत जुटाने के लिए न्यायिक सहायता मांगी जाएगी। यह सहायता सीआइडी केंद्रीय गृह मंत्रालय की अहम एजेंसी सीबीआइ के जरिये मांगेगी। मुख्य आरोपित काफी समय से फरार है। जांच एजेंसी ने कंपनी के कई ओहदेदारों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन आरके शर्मा गले की फांस बना हुआ है। इस मामले की सीबीआइ अलग से जांच कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय के हाथ भी अभी तक खाली हैं। क्या है मामला

आबकारी एवं कराधान विभाग ने मार्च 2014 में सही तरीके से वैट जमा न करवाने पर इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की फैक्टरी को सील कर दिया था। विभाग ने कंपनी संचालकों पर वर्ष 2009 से 2014 तक 2175 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने का मामला दर्ज किया था। बाद में यह राशि सीएसटी और वैट को मिलाकर 2200 करोड़ रुपये हो गई थी। आरोप है कि बिजली बिलों के नाम पर भी सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया। इस गड़बड़झाले की अलग से सीआइडी ने जांच की। इस मामले की भी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो गई है। इस मामले में बिजली बोर्ड के आरोपित एसई राकेश कुमार धीमान व एक्सईएन रणधीर शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि ये अधिकारी इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के घोटाले में संलिप्त रहे हैं। वर्ष 2014 में राकेश एक्सईएन और रणधीर एसडीओ थे।

मुख्य आरोपित के खिलाफ कोर्ट में पीओ घोषित करने की प्रक्रिया अपनाई गई है। इसके बाद उसकी गैरमौजूदगी में भी ट्रायल आरंभ हो सकेगा। सीआइडी उसे तलाशने के हर संभव प्रयास कर रही है।

वीरेंद्र कालिया, एएसपी, स्टेट सीआइडी

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.