Move to Jagran APP

ग्रामीण स्तर पर गोष्ठियां से हिंदी को मिलेगा बढ़ावा : हरनोट

ग्रामीण स्तर पर साहित्यक गोष्ठियां आयोजित किए जाने से ही मातृ भाषा हिंदी को ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:39 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:39 PM (IST)
ग्रामीण स्तर पर गोष्ठियां से हिंदी को मिलेगा बढ़ावा : हरनोट
ग्रामीण स्तर पर गोष्ठियां से हिंदी को मिलेगा बढ़ावा : हरनोट

संवाद सूत्र, सुन्नी : ग्रामीण स्तर पर साहित्यक गोष्ठियां आयोजित किए जाने से ही मातृ भाषा हिंदी को बढ़ावा मिल सकता है। यह विचार साहित्यकार एसआर हरनोट ने राजकीय महाविद्यालय सुन्नी में साहित्यकार सम्मेलन में व्यक्त किए। एसआर हरनोट ने अपनी कहानी नदी गायब है के माध्यम से प्रदेश में बहती नदियों पर विद्युत परियोजनाओं से होने वाली पर्यावरणीय क्षति पर चिंता व्यक्त की। छात्र-छात्राओं को अपनी साहित्यक यात्रा की जानकारी दी।

loksabha election banner

हिमालय साहित्य संस्कृति, पर्यावरण मंच और राजकीय महाविद्यालय सुन्नी की ओर से सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेशभर के साहित्यकारों ने कहानी, कविता एवं गजल के माध्यम से विद्यार्थियों से संवाद किया। साहित्यकार भूतेश्वर नाथ ने कविता के माध्यम से स्वाधीनता की दुर्गति पर चिंता व्यक्त की। कुल राजीव पंत ने बादल और धूप पर आधारित कविता पाठ सुनाया। आत्म रंजन ने कविता के माध्यम से स्वतंत्रता के दुरुपयोग पर संवेदना जाहिर की।

कॉलेज की छात्रा रुचिका एवं ललिता ने भी समाज में व्याप्त कुरीतियों और महिला उत्पीड़न को भावनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया। सुन्नी निवासी एवं वरिष्ठ नागरिक जयचंद सागर ने बेटी बचाओ पर कविता सुनाई। नरेश डियोग ने ऐतिहासिक स्थल तत्तापानी की दुर्दशा का कविता से चित्रण किया। हरीश शर्मा ने आधुनिक राजनीतिक माहौल को आजादी के लिए जबरदस्त खतरा करार दिया। शिक्षिका अनुराधा कश्यप ने अपनी रचना अनुरागिनी के अंश सुनाए। नवोदित साहित्यकार घनश्याम शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।

कॉलेज प्राचार्य डॉ. पवन सलारिया ने कहा कि ऐसे आयोजन करवाना सराहनीय है। गर्व की बात है कि प्रदेशस्तर की साहित्यिक प्रतिभाएं सुन्नी जैसे छोटे कस्बे में एकत्र हुई। उन्होंने कॉलेज के साहित्य विभाग की प्रो. निधि छाबड़ा और विद्यार्थियों का सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्तकिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.