सड़क किनारे ढाई क्विंटल लीची बेच रहे जगदीश
हर रोज सड़क किनारे दो से ढाई क्विंटल लीची बेचने का रिकॉर्ड एक आम बा
अजय बन्याल, शिमला
हर रोज सड़क किनारे दो से ढाई क्विंटल लीची बेचने का रिकॉर्ड एक आम बागवान बना रहा है। जिला कांगड़ा के मुख्य मार्गो पर आजकल लोगों को लीची बेचते देखा जा सकता है। नगरोटा बगवां के नजदीकी गांव मुंदला डाकघर सुनहेड़ के रहने वाले जगदीश हजारों रुपये हर रोज लीची बेच कमा रहे हैं। प्रदेश में भले ही मौसम की मार किसानों पर पड़ी हो, लेकिन इस बार लीची का उत्पादन गत वर्षो की तुलना में काफी बेहतर हुआ है। जगदीश चंद कई वर्षो से कबाड़ का कारोबार कर घर का खर्च चला रहे थे, लेकिन कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने लीची का बगीचा तैयार किया। साल दर साल उत्पादन बढ़ता चला गया। अब 10 बगीचे लीची के हैं और इस बार फसल काफी बेहतर हुई है। बंपर फसल का फायदा उठाते हुए जगदीश ने स्वयं ही इसे बेचने का फैसला किया। फल मंडी में दाम उचित न मिलने के कारण सड़क किनारे अपने छोटे टैंपों में रोजाना दो से ढाई क्विंटल लीची लाते हैं। अकेले इस कारोबार को कर रहे हैं। 80 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से लीची बेची जा रही है। कांगड़ा और धर्मशाला घूमने आने वाले पर्यटकों को यहां की लीची खूब पसंद भी आ रही है। पर्यटन सीजन भी चरम पर है, ऐसे में जगदीश की तरह कई लोग अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। लोग सब्जी या फल मंडी में अपनी फसल को बेचने से परहेज करने लगे हैं। किसानों को सीधे ग्राहक भी मिल रहे हैं, इसके साथ ही आमदनी भी अच्छी हो रही है। इसके अलावा जगदीश चंद ने करीब 80 बॉक्स मधुमक्खियों के रखे हैं, जिन्हें हर साल पंजाब ले जाते हैं।
जगदीश चंद ने कहा कि 15 दिन से हर रोज सड़क किनारे टैंपो लेकर आता हूं। इसमें करीब दो से ढाई क्विंटल लीची होती है। शाम तक सारी बिक जाती है। मंडी में काफी सस्ती बिकती है। मेहनत तो करनी पड़ती है, लेकिन लोग दाम भी सही देते हैं। लीची का सीजन एक महीने ही चलता है।