गिरि नदी में मुख्य पाइप टूटने से शहर में पहुंचा कम पानी
राजधानी शिमला में पानी की समस्या का हल निकलता नजर नहीं आ रहा है।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में पानी की समस्या का हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। पहले गाद तो अब मुख्य पाइप फटने के चलते शहर में पानी की सप्लाई कम पहुंची है। गिरि नदी से आने वाली सप्लाई की मुख्य पाइप फटने के कारण सोमवार रातभर पंपिग नहीं हो सकी। रात में पाइप फटने के बाद इसे ठीक करने का काम शुरू कर किया गया। सुबह तक पाइप को ठीक भी कर दिया, लेकिन इसी बीच गाद भी ज्यादा बढ़ गई। इस कारण शहर को गिरि नदी से महज आठ मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) पानी ही मिल सका, हालांकि रोजाना 14 एमएलडी पानी की यहां से सप्लाई मिलती है।
सोमवार रात को गिरि पेयजल परियोजना की मुख्य पाइप फटने से सोमवार रात से ही गिरि में लिफ्टिंग बंद रहने से शहर में पानी की किल्लत पैदा हो गई है। मुख्य लाइन के फटने के बाद रातोंरात ही शिमला जल प्रबंधन कंपनी ने लाइन का मरम्मत कार्य शुरू किया। सुबह तक लाइन का मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया। रातभर गिरि में पंपिग बंद रही, पहले लाइन फटने और इसके बाद बारिश होने से गिरि में भारी मात्रा में गाद जमने के कारण पानी के पंप नहीं चले। मंगलवार सुबह गिरि में पंपिग शुरू हो सकी। ऐसे में उम्मीद है कि गिरि से बुधवार तक पर्याप्त पानी शहर को मिल सकेगा। वहीं शहर के कई क्षेत्रों में तीसरे दिन भी लोगों को पानी की सप्लाई मुश्किल हो रही है। इससे जनता की परेशानी बरसात में बढ़ती ही जा रही है।
शिमला जल प्रबंधन कंपनी के एजीएम राजेश कश्यप ने बताया कि सोमवार रात को गिरि में मुख्य लाइन फट गई थी। इसके बाद लाइन को ठीक किया। सुबह से पंपिग शुरू हो पाई है। पेयजल परियोजनाओं में बारिश के कारण गाद जमने से शहर को माकूल पानी नहीं मिल पाया है। इससे शहर में पानी की सप्लाई कई क्षेत्रों में नहीं हो पा रही है। जल प्रबंधन कंपनी अब तीसरे दिन उपभोक्ताओं को पानी की राशनिक कर आपूर्ति दे रहा है। पानी की सप्लाई की स्थिति सामान्य नहीं होने तक शहर में पानी की राशनिग जारी रहेगी।