इस बार कम बिके सात करोड़ के पटाखे
राज्य के लोग पर्यावरण के प्रति अधिक सजग हुए हैं। इसका प्रमाण है कि दीवाली पर लोगों ने कम पटाखे फोड़े। परिणामस्वरूप राज्य के अधिकांश हिस्सों में पटाखों की बिक्री में कमी आई। समूचे औद्योगिक पटटी (पावंटा साहिब से लेकर परवाणू बद्दी-बरोटीवालानालागढ़ व ऊना) में पटाखों की खरीदारी में उत्साह नजर नहीं आया।
राज्य ब्यूरो, शिमला : दिवाली पर भले ही हिमाचल में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हो मगर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में पटाखों की बिक्री में कमी आई। समूचे औद्योगिक क्षेत्रों पांवटा साहिब से लेकर परवाणू, बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़ व ऊना में पटाखों की खरीदारी में उत्साह नजर नहीं आया।
अनुमान के अनुसार इस बार हिमाचल में दिवाली पर 20 करोड़ रुपये से कम पटाखे बिके। प्रदेश में पिछले साल करीब 27 करोड़ रुपये के पटाखे बिके थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ग्रीन दिवाली मनाने के आह्वान और प्रदेश के सभी स्कूलों में चलाए गए जागरूकता अभियान का नतीजा रहा कि पटाखों की बिक्री में कमी आई। पटाखा कारोबारी विनीत गोयल ने कहा कि इस बार लाखों के पटाखे खरीदने वाले कारोबारियों को लाखों का नुकसान हुआ। यमुनागर से समूचे सिरमौर को पटाखे सप्लाई होते हैं। हर साल करीब दो करोड़ रुपये के पटाखों की बिक्री होती थी। डेढ़ से दो करोड़ के पटाखे शिमला, सोलन व किन्नौर में बिकते थे। अमृतसर से कांगड़ा व चंबा जिलों में पांच से सात करोड़ रुपये के पटाखे बिक्री के लिए लाए जाते थे। इस बार इन क्षेत्रों के अलावा ऊना व हमीरपुर में भी पटाखों की बिक्री कम हुई।