दिल्ली, हरियाणा की बिजली से हिमाचल में रोशनी
हिमाचल में विद्युत उत्पादन गिरने से दिल्ली व हरियाण की बैंकिंग की बिजली प्रयोग में लाई जा रही है
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला
हिमाचल में विद्युत उत्पादन गिरने से दिल्ली व हरियाण की बैंकिंग की बिजली से घरों में रोशनी करनी पड़ रही है। बिजली उत्पादन में बहुत ज्यादा गिरावट आ गई है और अब केवल बिजली का उत्पादन 35 फीसद ही हो रहा है। प्रदेश में लोगों की मांग को पूरा करने के लिए हर दिन हिमाचल को 76 लाख यूनिट बिजली बैंकिंग आधार पर लेनी पड़ रही है। सर्दियों के दस्तक देते ही बिजली संकट पैदा होना शुरू हो गया है। प्रदेश में बिजली उत्पादन इसी तरह से गिरता रहा तो आने वाले समय में बिजली की मांग खरीदकर और कट लगाकर पूरा करनी पड़ सकती है।
प्रदेश में हर दिन 250 लाख यूनिट बिजली की मांग है। ठंड की वजह से सभी पनविद्युत परियोजनाओं में उत्पादन गिर गया है। इस मांग को पूरा करने के लिए इन दिनों बीआरपीएल दिल्ली से हर दिन 15 लाख यूनिट, डीवाइपीएल दिल्ली से 43 लाख यूनिट और हरियाणा से 17 लाख यूनिट बिजली बैंकिंग पर लेनी पड़ रही है। बैंकिंग की बिजली यानी बरसात के दिनों में हिमाचल ने अन्य राज्यों को जो बिजली दी थी अब वापस ली जा रही है। इन दिनों केंद्र से प्रदेश के शेयर के तौर पर 130 लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली मिल रही है।
कहां कितना उत्पादन प्रतिदिन लाख यूनिट में
परियोजनाएं,अब उत्पादन,अक्टूबर में उत्पादन,सामान्य उत्पादन
बासपा,17,25,80
लारजी, भावा, बस्सी, गिरी, आंध्रा,42,67,80-90
छोटे आइपीपी,30,40,80-90
उद्योगों में कम मांग
प्रदेश में स्थापित उद्योगों ने इन दिनों उत्पादन कम किया हुआ है। इस कारण बिजली की मांग उद्योगों में कम हो गई है। हर दिन 15 से 20 लाख यूनिट कम बिजली की मांग है। यही कारण है कि अभी बिजली खरीदने की जरूरत नहीं पड़ रही है। उद्योगों की मांग के साथ सर्दियों में बिजली की डिमांड और बढ़ने पर बिजली खरीदने की आवश्यकता पडे़गी।
प्रदेश में बिजली का उत्पादन गिर गया है। दिल्ली और हरियाणा से बैंकिंग की बिजली आ रही है, जिससे प्रदेश की मांग पूरी की जा रही है। हालांकि मांग को पूरा करने के लिए अभी बिजली खरीदने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
अनिल शर्मा, ऊर्जा मंत्री, हिमाचल प्रदेश