जांच की जद में आएंगी कई बड़ी मछलिया
हिमाचल में जमीन खरीदने के नाम पर सक्रिय रहा भू माफिया, बेनामी सौदे होने का भी संदेह।
शिमला, राज्य ब्यूरो। धारा-118 के गड़बड़झाले की आंच अब धीरे-धीरे कई बड़ी मछलियों तक पहुंचेगी। पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा के बाद कई अधिकारियों पर विजिलेंस की नजर है। सूत्रों से पता चला है कि विजिलेंस ने बिचौलिये के कब्जे से सैकड़ों रजिस्ट्री बरामद की थी।
अब इन सब की जांच होगी। पहले जांच के नाम पर घालमेल किया गया। बताते हैं कि मित्रा वाली शिकायत पर इन्क्वायरी पर लीपापोती करने के प्रयास हुए। इसी बिनाह पर क्लोजर रिपोर्ट तैयार की गई। कोर्ट के निर्देश पर नए सिरे से जांच करने के लिए कहा गया। जिन पुलिस अधिकारियों ने पहले इन्क्वायरी को ठंडे बस्ते में डाला, उनसे भी सरकार सवाल पूछ सकती है। उन्होंने किस दबाव में आकर ऐसा किया? इस बारे में जल्द ही जवाबतलब हो सकता है।
मित्रा से आज होगी पूछताछ राज्य निर्वाचन आयुक्त एवं पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा से सोमवार को स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो में पूछताछ होगी। वर्ष 2011 में दर्ज प्राथमिकी और इन्क्वायरी दोनों पर पूछताछ होगी। जिस मामले की इन्क्वायरी चल रही थी, उसे प्राथमिकी में तब्दील नहीं किया। अब इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज हो सकती है। विजिलेंस ने मित्रा के अलावा सात अधिकारियों, पूर्व अधिकारियों को भी तलब किया है। इनके भी विजिलेंस मुख्यालय में बयान दर्ज किए जाएंगे। धारा 118 के तहत दी गई स्वीकृतियों के बारे में इनसे सवाल सवाल होंगे।
बेनामी सौदे होने का शक
जांच एजेंसी को शक है कि बिचौलियों ने अधिकारियों की मिलीभगत से बेनामी सौदे करवाए। एक बिचौलिये से सैकड़ों रजिस्ट्री मिलने से इस संभावना को बल मिला है। तत्कालीन सरकार में बैठे किन लोगों का संरक्षण था। यह सब बातें जांच में सामने आएंगी।
22 को थमाए हैं नोटिस
मित्रा समेत 22 अधिकारियों, पूर्व अधिकारियों, संदिग्ध आरोपितों को नोटिस थमाए गए हैं। इन सब को प्रश्नावली भी भेजी गई थी। अब इसी के इर्द-गिई पूछताछ होगी। मुझे माफ करना। आपने फोन किया आपका शुक्रिया। मैं कुछ नहीं कह पाऊंगा।
-पी मित्रा, पूर्व मुख्य सचिव