भराड़ी स्कूल के विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य दाव पर
राजधानी शिमला के सटे प्राथमिक स्कूल भराड़ी में पढ़ने वाले बच्चों
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के सटे प्राथमिक स्कूल भराड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से समझौता किया जा रहा है। प्राथमिक स्कूल के पास अपना शौचालय नहीं है। नगर निगम के सार्वजनिक शौचालय में बच्चे जाते हैं। इतना ही नहीं इसकी भी हालत इतनी खराब है कि शौचालय की छत से प्लास्टर गिरता है। चारों ओर गंदगी फैली हुई है। शौचालय के लिए जाने वाली सीढि़यां भी टूटी हुई हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है, लेकिन इसकी परवाह किसी को नहीं है। गंदगी होने से बच्चे बीमार भी हो सकते हैं।
भराड़ी स्कूल में 36 नौनिहाल पढ़ रहे हैं, लेकिन यहां पर मूलभूत सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि विद्यालय में शौचालय नहीं है, लेकिन यह शौचालय स्कूल के स्टाफ के लिए है। बच्चों की सेहत और सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहा है, क्योंकि शौचालय के लिए अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती भी नहीं है।
शौचालय की सफाई व्यवस्था के खर्च का वहन एसएमसी और शिक्षक अपनी जेब से करते हैं। अपने स्तर पर शिक्षकों ने एक सफाई कर्मचारी नियुक्त किया है, लेकिन सड़क पर बने इस शौचालय का हर कोई इस्तेमाल करता है। कई बार नगर निगम को भी इस अव्यवस्था के बारे में स्कूल प्रशासन द्वारा सूचित किया गया है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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छत पर उग आई झाड़ियां
शौचालय की इतनी खस्ता हालत है कि छत पर झाड़ियां उग आई हैं, जिससे शौचालय को और भी अधिक खतरा बन गया है। शौचालय को देखकर लगता है कि वर्षो से सफाई नहीं हुई।
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नगर निगम ने यह शौचालय स्कूल को दिया था, लेकिन सड़क पर होने के कारण लोग भी इस शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। जहां तक सीढि़यों की बात है तो सीढि़यां ठीक करवाई जा रही हैं। बीच में काम किन्हीं कारणों से बंद करना पड़ा था।
-गंगा राम, मुख्य अध्यापक, भराड़ी स्कूल।