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कोटखाई चार्जशीट: दुष्कर्म, हत्या के बाद शव के पास पी शराब

सीबीआइ ने इस मामले में जांच के लिए 250 लोगों के ब्लड सैंपल लिए थे। इनमें से आरोपित के डीएनए का मिलान छात्रा के साथ हो गया।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 11:22 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 12:22 PM (IST)
कोटखाई चार्जशीट: दुष्कर्म, हत्या के बाद शव के पास पी शराब
कोटखाई चार्जशीट: दुष्कर्म, हत्या के बाद शव के पास पी शराब

शिमला, राज्य ब्यूरो। कोटखाई में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या की वारदात को गत वर्ष चार जुलाई की शाम पांच बजे अंजाम देने के बाद आरोपित अनिल छह बजे और फिर सात बजे घटनास्थल पर आया था। उसने मौका ए वारदात पर शव के पास शराब भी पी। अगले दिन पांच जुलाई को वह दांदी आया। दोपहर से ठीक पहले उसे रिश्तेदार धूपी देवी ने देख लिया। वह उसके बेटे के कपड़े चुरा रहा था। उसने उसे लाठी के सहारे भगा दिया।

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आरोपित इसके बाद हलाइला गया और खाना मांगा। खाना खाने के बाद वह कहीं ओर चला गया। दीपराम नामक व्यक्ति ने उसे चार जुलाई को पौने सात बजे व दूसरे दिन साढ़े पांच बजे देखा था। इसके बावजूद किसी को उस पर शक नहीं हुआ। सात जुलाई को आरोपित रोहड़ू के करासा पहुंचा। वहां वह स्थानीय निवासी जितेंद्र सिंह के पास पहले भी कार्य करता था। तब वह अपना नाम जितेंद्र बताता था। उसने करासा में खेतों में काम किया। गांव में रहते हुए वह कोटखाई मामले से जुड़ी खबरों की पूरी जानकारी रखता था। वह न तो बाजार जाता था और न ही अपने पास मोबाइल फोन रखता था। इस दौरान वह कई बार जगह बदलता रहा। यह खुलासा सीबीआइ की चार्जशीट में हुआ है।

250 लोगों के लिए थे ब्लड सैंपल

सीबीआइ ने इस मामले में जांच के लिए 250 लोगों के ब्लड सैंपल लिए थे। इनमें से आरोपित के डीएनए का मिलान छात्रा के साथ हो गया। इसके लिए आरोपित की मां का भी सैंपल लिया गया था। वह उसी का बेटा निकला। आरोपित पर छह सितंबर 2015 को सिरमौर के सराहां थाने में भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज था। वह जमानत पर था लेकिन बाद में 2016 से भाग गया था।

 

रिश्तेदार बेली राम से रहता था संपर्क में

बेली राम नामक रिश्तेदार से आरोपित अनिल फोन पर संपर्क में रहता था। वह जितेंद्र सिंह के मोबाइल फोन और कभी किसी दूसरे व्यक्ति के मोबाइल से उसे फोन करता था। वह इस साल 25 मार्च को करासा से दूसरी जगह चला गया। उसने 11 अप्रैल को फिर बेली राम को फोन किया। वहां से जिस मोबाइल फोन

से बात की, उससे टावर लोकेशन हाटकोटी आई। सीबीआइ ने इस आधार पर खाटल व जुब्बल में धर्मदास जस्टा के घर पर दबिश दी। 13 अप्रैल को आरोपित को गिरफ्तार किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कोटखाई के मेडिकल ऑफिसर की मदद से उसके ब्लड सैंपल लिए गए। ऐसा डीएनए परीक्षण व ओपीनियन के मकसद से किया गया। सीबीआइ ने उसे कोर्ट में पेश कर 25 अप्रैल तक रिमांड पर रखा। जांच एजेंसी 23 अप्रैल को उसे घटनास्थल पर ले गई। वहां पर सीन ऑफ क्राइम दोहराया गया।

रामपुर के बाघी में भी की थी छेड़छा

करीब चार साल पहले आरोपित ने रामपुर के बाघी में भी एक महिला के साथ छेड़छाड़ की थी। यह वारदात भी पुलिस में रिपोर्ट नहीं हुई थी। यह मामला 20 हजार रुपये देकर निपटा दिया गया था।

 59 लोग गवाह बनाए

सीबीआइ ने कोर्ट में सौंपी चार्जशीट में 59 लोगों को गवाह बनाया है। आरोपित के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के तहत केस चलेगा। जांच दिल्ली स्थित सीबीआइ की विशेष अपराध शाखा की डीएसपी सीमा पाहुजा ने की। हाईकोर्ट के आदेश पर पिछले साल 22 जुलाई को दो अलग-अलग मामलों में नियमित केस दर्ज किए गए थे। एसआइटी के मुखिया एसएस गुरुम बनाए गए। छात्रा की हत्या के एक आरोपित सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या कर दी गई थी। सूरज हत्याकांड के आरोप में निलंबित आइजी जेडएच जैदी, शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी, डीएसपी मनोज जोशी, एसएचओ राजिंद्र सिंह समेत नौ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी अभी जेल में हैं। 


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