निजी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहा है मंडी का प्राथमिक स्कूल
मंडी के प्राथमिक स्कूल बसेहड़ ने सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों की मानसिकता को काफी हद तक बदल दिया है।
शिमला, रविंद्र शर्मा। हर अभिभावक यही चाहता है उनके बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिले और वह जिंदगी में सफलता हासिल करे। यही वजह है कि वे बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिल करवा बेहतर शिक्षा दिलाने को तरजीह देते हैं। लेकिन मंडी जिले के प्राथमिक स्कूल बसेहड़ ने सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों की मानसिकता को काफी हद तक बदलने में सफलता पाई है। वजह यह है कि बच्चों को यहां निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं मिल रही हैं और अभिभावक यहां पढ़ाने के लिए तरजीह दे रहे हैं।
मौजूदा समय में स्कूल में 26 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें से 10 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें अभिभावकों ने निजी स्कूलों से निकालकर यहां दाखिल करवाया है। स्कूल में बच्चे स्मार्ट वर्दी में पढ़ने आते हैं, अध्यापक भी ड्रेस कोड का पालन करते हैं। यह अब संभव हो पाया है प्राथमिक सहायक अध्यापिका (पैट) कमलजीत के प्रयासों से। कमलजीत ने 2005 में मंडी जिला के जोगेंद्रनगर से 20 किलोमीटर दूर प्राथमिक स्कूल बसेहड़ में बतौर पैट ज्वाइन किया। स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए उन्होंने घर-घर जाकर अभिभावकों से आग्रह किया। शुरुआत में हालांकि उन्हें निराशा मिली, लेकिन फिर लोगों का रुझान सरकारी स्कूल की ओर बढ़ा।
निजी को मात दे रहा सरकारी स्कूल
कमलजीत की मेहनत का असर दिख रहा है। प्राथमिक स्कूल बसेहड़ अब निजी स्कूलों को मात दे रहा है। यहां के विद्यार्थी भी निजी स्कूलों के बच्चों की तरह स्मार्ट वर्दी पहनकर पढ़ाई करने आते हैं। अध्यापकों के लिए भी ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। स्कूल में अपने स्तर पर ही प्री नर्सरी कक्षा शुरू की है। स्कूल प्रबंधन समिति का अध्यापकों को पूरा सहयोग मिलता है।
अभिभावकों से बच्चों को सरकारी सकूल में दाखिल करवाने के लिए अपील करने जाती थी तो कई लोग कहते थे कि तुम अपना समय बर्बाद कर रही हो। सरकारी स्कूल में बेहतर शिक्षा नहीं दी जाती है। बावजूद इसके मैंने हार नहीं मानी। स्कूल में सुविधाएं जुटाने व गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर ध्यान दिया। इसमें प्राथमिक सहायक अध्यापक लाल सिंह ने भी पूरा साथ दिया।
-कमलजीत, शिक्षिका, प्राथमिक स्कूल बसेहड़।
शिक्षिका के बच्चे भी सरकारी स्कूल में ले रहे शिक्षा
शिक्षिका कमलजीत अपने दोनों बच्चों को भी बसेहड़ स्कूल में पढ़ा रही हैं। उनके भाई के बच्चे भी यहीं पढ़ते हैं। स्कूल में बच्चों को बेहतर सुविधाएं और गुणात्मक शिक्षा दी जा रही है। 95 फीसद से अधिक विद्यार्थी ए ग्रेड ले रहे हैं। खेल सहित अन्य प्रतियोगिताओं में भी बढ़-चढ़कर भाग लेकर जिलास्तर पर अव्वल रहते हैं। गणित विषय को अंग्रेजी भाषा में पढ़ाया जा रहा है। यही कारण है कि आसपास के क्षेत्र के लोगों ने निजी स्कूल से निकालकर 10 बच्चे सरकारी स्कूल बसेहड़ में दाखिल करवाए हैं।
स्वच्छता में भी अव्वल
बसेहड़ स्कूल को स्वच्छता के लिए खंडस्तर पर पहला पुरस्कार मिला है। इस स्कूल का नाम प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की शुरू की खास शिक्षा योजना के लिए भी चयनित हुआ है। दो बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय के लिए हुआ है।