केसीसी बैंक घोटाले की जांच शुरू, कर्ज डकारने वाले होंगे दंडित
केसीसी बैंक घोटाले की जांच शुरु हो गई है, इस बैंक में कर्ज डकारने वालों को दंडित किया जाएगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (केसीसी) बैंक में कर्ज डकारने वाले दंडित होंगे। इस मामले की जांच हो रही है। यह बात उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कही। विक्रम ने सहकारिता मंत्री राजीव सैजल की जगह सवाल का जवाब दिया। सैजल सदन में नहीं थे। उन्होंने कहा कि केसीसी बैंक की कार्यप्रणाली पर पहले ही प्रश्नचिह्न लगा हुआ है।
इसकी जांच शुरू हो गई है। विधायक नरेंद्र ठाकुर ने सवाल पूछा था कि केसीसी बैंक ने तीन साल में कितनी औद्योगिक इकाइयों को कितना कर्ज दिया है? इनमेंं से कितनी नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (एनपीए) हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि कर्ज लेने वालों के पास अचल सपंत्तिया हैं और वे रसूखदार हैं। तीन-तीन पालतू कुत्ते रखे हैं लेकिन कर्ज नहीं चुका रहे हैं। ऐसा वे जानबूझ कर रहे हैं।
बैंक ने तीन साल में 1740628742. 68 रुपये का कर्ज 545 औद्योगिक इकाइयों को दिया है। इनमें से 643047236.02 रुपये एननीए में हैं। इस बैंक की जांच विजिलेंस कर रही है। सरकार इसकी सिफारिश कर चुकी है। इसी आधार पर प्रारंभिक जांच आरंभ हो गई है। बजट सत्र के दौरान भी यह मामला सदन में उठा था। तब भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने जोरो-शोर से मामला उठाया था। तब सहकारिता मंत्री ने बड़ी एजेंसी से जांच करवाने की बात कही थी। उन्होंने बैंक के पूर्व अध्यक्ष के विदेशी दौरे की भी जांच करवाने की घोषणा की थी। बाद में सरकार ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे।