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कसौली गोलीकांड :14 अफसरों-कर्मियों को चार्जशीट थमाएगी सरकार

कसौली गोलीकांड में दोषी पाए गए तो अधिकारियों व कर्मियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

By Edited By: Published: Fri, 25 May 2018 09:56 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 10:23 AM (IST)
कसौली गोलीकांड :14 अफसरों-कर्मियों को चार्जशीट थमाएगी सरकार
कसौली गोलीकांड :14 अफसरों-कर्मियों को चार्जशीट थमाएगी सरकार

शिमला, राज्य ब्यूरो। कसौली गोलीकांड में लापरवाही बरतने और ड्यूटी का निर्वहन सही तरीके से न करने वाले 14 अधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार चार्जशीट थमाएगी। सोलन के तत्कालीन एसपी मोहित चावला, परवाणू के तत्कालीन डीएसपी रमेश शर्मा, नायब तहसीलदार जगपाल सिंह समेत अन्य सभी को विभागीय जांच से गुजरना होगा। अधिकारियों के जांच अधिकारी आयुक्त विभागीय इन्क्वायरी हो सकते हैं जबकि पुलिस कर्मचारियों के मामलों में जांच अधिकारी सोलन के एसपी तय करेंगे। डीजीपी के निर्देश पर वह जांच अधिकारी नियुक्त करेंगे। अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो अधिकारियों व कर्मियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है जिसमें मेजर से लेकर माइनर पेनल्टी लगाए जाने का प्रावधान है।

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एसपी, डीएसपी के मामले में चार्जशीट गृह सचिव तैयार करेंगे। वह इसमें गवाहों की सूची भी लगाएंगे। अगली कार्रवाई जांच अधिकारी करेंगे। सरकार ने सोलन के तत्कालीन एसपी मोहित चावला, परवाणू के पूर्व डीएसपी रमेश शर्मा, नायब तहसीलदार जगपाल, कसौली के पूर्व एसएचओ दिलीप सिंह, धर्मपुर के पूर्व एसएचओ मदन ठाकुर को निलंबित कर दिया था। इनमें से चावला और शर्मा का हेडक्वार्टर राज्य पुलिस मुख्यालय तय किया गया है। जब तक ये निलंबित रहेंगे, तब तक तैनाती भी यहीं होगी।

प्रदेश सरकार ने कसौली गोलीकांड के बाद एसपी, डीएसपी व दो थानेदारों को हटा दिया था। दो अधिकारियों को राज्य पुलिस मुख्यालय में लीव रिजर्व तैनात किया गया था। कांस्टेबल से इंस्पेक्टर तक पुलिस कर्मचारियों की विभागीय जांच में दोषियों को अपील करने का अधिकार होता है। एसपी की जांच से असंतुष्ट होने पर डीआइजी के पास अपील कर सकते हें। वहां से भी संतुष्ट न होने पर डीजीपी के यहां अपील हो सकती है।

कसौली हत्याकांड में विभागीय जांच पर भी कार्रवाई जल्द

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कसौली में अवैध निर्माण गिराने गई सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैल बाला शर्मा की हत्या मामले में 14 अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई के बाद अब विभागीय जांच के आधार पर और अधिकारियों व कर्मियों पर भी गाज गिरेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से कहा कि यह कार्रवाई मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। विभागीय जांच भी जारी है जिसके आधार पर भी जल्द कार्रवाई होगी। इस संबंध में नगर नियोजन विभाग सहित मौके पर मौजूद अन्य विभागों की कार्यप्रणाली को देखा जा रहा है। प्रदेश में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। जिन पांच अधिकारियों को निलंबित और नौ अन्य को चार्जशीट किया गया है उन्हें आरोपों की चार्जशीट देकर सात से 15 दिनों में जवाब मांगा जाएगा। शैल बाला शर्मा को चार गालियां दागकर मौत के घाट उतार दिया गया था। उस समय पुलिस अधिकारी सहित जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग व अन्य किन विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे, इसे भी देखा जा रहा है। जांच हो रही किसने लीक किया पत्र सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के तहत अवैध होटलों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उसके पत्र लीक होने को लेकर भी जांच हो रही है। इस संबंध में तथ्यों को खंगाला जा रहा है। जिन अधिकारियों या लोगों ने पत्र को लीक किया है, उनका पता लगाया जा रहा है।


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