जिंदान हत्या मामला: हादसा नहीं, हत्या हुई जिंदान की
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से निकला निष्कर्ष, पहले ब्रेन इंजरी फिर दो बार चढ़ाई गाड़ी ’ अन्य लोगों की संलिप्तता की जांच तेज हुई, कॉल डिटेल खंगाल रही है पुलिस।
शिमला, अजय बन्याल। आरटीआइ कार्यकर्ता और वकील केदार सिंह जिंदान की मौत गाड़ी से कुचले जाने से नहीं, उससे पहले हुई मारपीट के कारण हुई है। मारपीट से शरीर पर चोटें आईं, फिर, गाड़ी से दो बार कुचला गया। पुख्ता सूत्रों के यह निष्कर्ष पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है।
आइजीएमसी में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है। 200 से अधिक चित्र पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए हैं। रिपोर्ट साफ बता रही है कि मौत से पहले शरीर में ढेर सारी चोटें आई हैं। डंडे के निशान शरीर पर मिले हैं। जाहिर है, पोस्टमार्टम रपट इसे सुनियोजित तरीके से हत्या का संकेत कर रही है। घटनास्थल से मिले डंडे पर भी जिंदान का खून है। गाड़ी के टायर पर खून और बाल मिले हैं, जो पुलिस के कब्जे में हैं। घटना के दो दिन बाद फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच पाई है। दोनों आरोपितों की मोबाइल कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। जिंदान का पूरी तरह टूटा हुआ मोबाइल फोन भी बरामद हुआ है। उधर, एएसपी सिरमौर वीरेंद्र ठाकुर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की पुष्टि की है।
छह सदस्यीय एसआइटी करेगी जांच
केदार सिंह जिंदान हत्याकांड की जांच के लिए पुलिस ने एएसपी वीरेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन कर दिया है। टीम में कुल छह सदस्य होंगे जिनमें डीएसपी राजगढ़ दुष्यंत सरपाल, एसएचओ माजरा मोहन सिंह आदि शामिल हैं। मामले की जांच शिलाई पुलिस थाने से बदलकर एसआइटी को दी गई है। पिछले तीन दिनों से मामले की दबाने को लेकर अड़चनें चल रही थी। असल में शिलाई पुलिस स्टेशन में कई स्थानीय पुलिस कर्मी भी हैं।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। मैं दिल्ली में था। इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। ये बहुत बड़ी घटना है। प्रदेश सरकार इस मामले पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता का वायदा किया है।
-बलदेव तोमर, पूर्व एमएलए शिलाइ
मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मामले को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहता। पुलिस जांच कर ही रही है।
-हर्षवर्धन चौहान, विधायक शिलाई