फर्जी गरीब बने तो जाएंगे जेल
फर्जी गरीबों पर अब शिकंजा कसेगा। फर्जी हल्फनामा देने पर अब जेल होगी।
-2500 रुपये से अधिक मासिक आय हुई तो बीपीएल सूची से बाहर होंगे
-बीपीएल के चयन में संशोधन की अधिसूचना जारी
राज्य ब्यूरो, शिमला : गरीब होने का फर्जी हलफनामा दिया तो अब जेल की हवा खानी पड़ेगी। दो से तीन साल की कैद के साथ जुर्माना भी होगा। यदि किसी परिवार की मासिक आय 2500 रुपये से अधिक है तो वो बीपीएल सूची से बाहर होगा। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवारों के चयन के लिए किए गए नए संशोधन के संबंध में शुक्रवार को सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी।
प्रदेश में हर वर्ष अपै्रल में होने वाली ग्रामसभा की पहली बैठक में ग्राम पंचायत की बीपीएल सूची की समीक्षा की जाएगी। अब हर बीपीएल परिवार के मुखिया को ग्राम पंचायत के पास एक घोषणापत्र देना होगा। इसमें दर्शाना होगा कि उनके परिवार के पास दो हेक्टेयर से ज्यादा असिंचित भूमि या एक हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि नहीं है और उसका परिवार आयकर नहीं देता है। उनके परिवार की वेतन पेंशन, भत्ते, मानदेय, मजदूरी तथा व्यवसाय आदि से नियमित मासिक आय 2500 रुपये से अधिक नहीं है। परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी अथवा गैर सरकारी नौकरी में नियमित या अनुबंध आधार पर नहीं है। मनरेगा में एक वर्ष में कम से कम 20 दिन कार्य करना होगा। यदि कोई परिवार इस शर्त को पूर्ण नहीं कर पाता है तो ग्रामसभा द्वारा ऐसे परिवार का नाम बीपीएल सूची से काट दिया जाएगा। बीपीएल परिवार का कोई सदस्य अलग परिवार के रूप में नाम दर्ज करने के लिए आवेदन करता है तो ऐसे नए परिवार को आगामी तीन वषरें तक बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। अविवाहित लोगों का परिवार बीपीएल के लिए अलग परिवार नहीं माना जाएगा। ऐसी ग्राम पंचायतें जहा अब एक भी परिवार बीपीएल में नहीं है, वहां के बीपीएल परिवारों के लक्ष्यों को उपायुक्तों द्वारा उसी विकास खंड की अन्य ग्राम पंचायतों में पूर्व आवंटित लक्ष्य के समानुपात बाटा जाएगा।