संशोधित आरएंडपी रूल्स के तहत होगी जेबीटी भर्ती
जागरण टीम, शिमला/मंडी : प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को जेबीटी के 700 पदों को भरने के लिए
जागरण टीम, शिमला/मंडी : प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को जेबीटी के 700 पदों को भरने के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) की मेरिट पर आधारित भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब 30 अगस्त 2017 को स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ने जेबीटी भर्ती मामले में टेट की मेरिट के आधार पर उम्मीदवारों के चयन का नियम खारिज कर दिया था तो कैसे खारिज हुए नियमों के तहत भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की मंजूरी दी जा सकती है।
कोर्ट ने सरकार का आवेदन खारिज करते हुए कहा कि ट्रिब्यूनल के आदेशों के बाद सरकार ने जेबीटी के भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) नियमों में जो बदलाव लाए हैं, सरकार चाहे तो इन नियमों के तहत जेबीटी के पदों को भरने के लिए स्वतंत्र है। नए नियमों के तहत जेबीटी के 50 फीसद पद सीधी भर्ती यानी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर व 50 फीसद पद बैचवाइज तरीके से भरे जाने का प्रावधान है। न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी व न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने जेबीटी से जुड़ी याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकारते हुए इन मामलों को 17 अप्रैल को सुने जाने के आदेश पारित किए। कोर्ट द्वारा पारित इन आदेशों से पुरानी प्रक्रिया के तहत चयनित उम्मीदवारों को कोई भी राहत नहीं मिली। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2012 में जेबीटी के पदों को भरने के लिए टेट की मेरिट को आधार बनाया था। कुछ अभ्यर्थियों ने इस प्रावधान को यह कहकर चुनौती दी थी कि टेट केवल अध्यापक होने की आधारभूत योग्यता को दर्शाता है न कि यह नौकरी के लिए किसी प्रतियोगी परीक्षा में मेरिट को। इस दौरान सरकार ने टेट की मेरिट के आधार पर हो रही भर्ती प्रक्रिया को जारी तो रखा मगर चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं हो सके। ट्रिब्यूनल ने 30 अगस्त 2017 को इस नियम को खारिज कर दिया और 700 चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाने का मामला लटक गया। सरकार ने ट्रिब्यूनल में पुनर्विचार याचिका दायर कर 11 जनवरी 2018 को टेट की मेरिट पर आधारित पुरानी भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने की इजाजत ले ली।
अभ्यर्थी राकेश कुमार ने ट्रिब्यूनल के इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी। 23 फरवरी को हाईकोर्ट ने जेबीटी के स्वीकृत 750 पदों को टेट की मेरिट से भरने पर रोक लगा दी। पुराने नियमों के तहत भर्ती को जारी रखने के समर्थन में दी गई सरकार की दलीलों के तहत यदि नए सिरे से जेबीटी के पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाती है तो कम से कम छह महीने के अतिरिक्त समय की जरूरत होगी जबकि पुराने नियमों के तहत चयन प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है, केवल नियुक्ति पत्र जारी करना शेष रहता है। प्राथमिक स्कूलों में जेबीटी के सैकड़ों पद रिक्त हैं और शिक्षकों की कमी से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। शिक्षा विभाग के लिए इन पदों के लिए रखा गया बजट भी लैप्स होने जा रहा है। कोर्ट ने सरकार की इन दलीलों के मद्देनजर जेबीटी भर्ती से जुड़े सभी मामलों को अंतिम सुनवाई के लिए 17 अप्रैल को लगाए जाने का आदेश दिया।
हजारों जेबीटी अभ्यर्थियों को राहत
प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा जेबीटी भर्ती को लेकर बना संशय समाप्त हो गया है। लंबे समय से शिक्षा विभाग द्वारा अभ्यर्थियों को जेबीटी भर्ती को लेकर गुमराह किया जा रहा था। अब हाईकोर्ट ने प्रदेश के हजारों जेबीटी अभ्यर्थियों को राहत प्रदान की है।
राकेश, याचिकाकर्ता एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जेबीटी बेरोजगार संघ