हिमाचल में जमीन खरीदना अब हुआ आसान, घर बैठे ऑनलाइन करें आवेदन
हिमाचल में जमीन खरीदने के लिए अब कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे अब आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट से पहले हिमाचल सरकार ने निवेशकों को राहत प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश टेनेंसी एंड लैंड रिफाम्र्स रूल्ज 1975 के नियम 38-ए में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इस नियम में संशोधन होने से हिमाचल में जमीन खरीदने के लिए अब कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। जमीन खरीदने और उसके पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देना जरूरी नहीं होगा।
अब आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी जिसकी मॉनिटरिंग सरकार करेगी। यह भी व्यवस्था की गई है कि आवेदन करने के 15 दिन के भीतर मामले का निपटारा करना होगा। इससे पहले कई महीने तक लोगों को पंजीकरण करवाने के लिए इंतजार करना पड़ता था। इससे पहले विभागों से एनओसी लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने के साथ भ्रष्टाचार का खेल होने की आशंका रहती थी। अब एनओसी न लेने से इस पर विराम लगेगा और पारदर्शिता आएगी।
नई प्रक्रिया के तहत किसी व्यक्ति को जमीन का मालिक बनने के बाद ही एनओसी लेने की आवश्यकता होगी। इससे पूर्व जमीन का मालिक बनने के लिए एनओसी लेनी पड़ती थी। कई बार यह स्थिति होती थी कि एनओसी एकत्रित करते-करते कई महीने बीतने के बाद भी व्यक्ति को मालिकाना हक नहीं मिलता था। अब ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने के साथ हर स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी। फिलहाल राजस्व विभाग ने भू सुधार अधिनियम में संशोधन करने के लिए अधिसूचना जारी की है। प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा इस अधिनियम में किए गए संशोधन को मंजूरी के बाद अब लागू करने के लिए लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं।
इस मामले में आपत्तियां व सुझाव देने के लिए राजस्व विभाग ने 15 दिन का समय दिया है। इसके बाद अधिसूचना जारी होते ही नियम में संशोधन लागू हो जाएगा। अभी तक प्रदेश में मकान बनाने या उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन खरीदने के बाद उसका पंजीकरण करवाने के लिए कई विभागों से एनओसी लेनी पड़ती थी जिसमें बिजली विभाग, टीसीपी, नगर निगम, ग्राम पंचायत अन्य विभाग शामिल थे।
अब नवंबर में हो सकती है इन्वेस्टर मीट
प्रदेश भाजपा सरकार की पहली इन्वेस्टर मीट धर्मशाला में अब सितंबर में नहीं होगी। इसे नवंबर में करवाने का निर्णय लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विदेश दौरे से लौटने के बाद इस पर मुहर लग जाएगी। प्रदेश के दो विधानसभा क्षेत्रों जिला कांगड़ा के धर्मशाला और जिला सिरमौर के पच्छाद में उपचुनाव होने हैं। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव की प्रक्रिया अक्टूबर में पूरी होनी है। सरकार ने इस संबंध में चुनाव आयोग से भी राय ली है कि आखिर आचार संहिता लगने पर क्या इन्वेस्टर मीट हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार सितंबर में विधानसभा उपचुनाव के लिए आचार संहिता लगने की संभावना है। सरकार ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में धर्मशाला में इन्वेस्टर मीट करवाने का निर्णय लिया था। लोकसभा उपचुनाव के कारण धर्मशाला में चुनाव आचार संहिता के लगे होने कारण वहां पर सितंबर में इन्वेस्टर मीट नहीं हो सकती है।
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