मुख्य सचिव ने जयपुर में उठाया विस्थापितों को जमीन का मामला
पौंग बाध विस्थापितों की समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए मंगलवार को जयपुर में बैठक हुई।
राज्य ब्यूरो, शिमला : पौंग बाध विस्थापितों की समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए मंगलवार को जयपुर में उच्चस्तरीय बैठक हुई। हिमाचल सरकार की ओर से मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने राजस्थान सरकार से विस्थापितों को जमीन देने का मामला उठाया।
इस बात पर सहमति बनी कि राजस्थान सरकार केंद्र सरकार की राजस्थान में जमीन को प्राप्त करने का मामला उठाए। उस जमीन को बेचकर राजस्थान सरकार 498 करोड़ रुपये उन परिवारों को भुगतान करे जिनकी सूची हिमाचल सरकार की ओर से सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार ने 2500 विस्थापन के मामले राजस्थान सरकार को भेजे थे। बैठक में सहमति बनी कि हर महीने के पहले सोमवार को बीकानेर क्षेत्र में जमीनों की अलॉटमेंट की जाए। प्रदेश सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट प्रस्ताव रखा था। इसके आधार पर ही राजस्थान सरकार ने पैसा नहीं होने की बात कही थी। इस पर यह रास्ता निकाला गया कि केंद्र सरकार की जमीनें बेचकर पौंग बाध विस्थापितों को मुआवजे का भुगतान किया जाए। इस बैठक में दोनों राज्य सरकारो के अधिकारी शामिल हुए।
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1960 में कांगड़ा जिले के नगरोटा सूरियां में ब्यास नदी पर शुरू हुआ था पौंग बाध का निर्माण।
-12 साल बाद 1972 में बाध का कार्य पूरा हुआ। बांध से पानी छोड़ा गया।
-339 छोटे बड़े गाव डूब गए थे पौंग बाध में।
-19000 परिवार हुए थे विस्थापित।
-16532 मामलों में से 8009 मामलों में जमीन मिल चुकी है पौंग बाध विस्थापितों को।
-वादे के मुताबिक अब तक राजस्थान सरकार सभी विस्थापितों को मुरब्बे आवंटित नहीं कर पाई है।