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जलविद्युत व सौर ऊर्जा क्षेत्र में 28 हजार करोड़ का निवेश तय

अभी तक जो निवेशक ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने में कतरा रहे थे। ऐसे निवेशकों ने जल विद्युत और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने का साहस दिखाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 09:18 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 09:18 PM (IST)
जलविद्युत व सौर ऊर्जा क्षेत्र में 28 हजार करोड़ का निवेश तय
जलविद्युत व सौर ऊर्जा क्षेत्र में 28 हजार करोड़ का निवेश तय

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में निवेशक अब तक ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने से कतरा रहे थे। ऐसे निवेशकों ने अब जलविद्युत व सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने का साहस दिखाया है। धर्मशाला में सात व आठ नवंबर को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में सार्वजनिक उपक्रमों ने 28 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का प्रस्ताव किया है।

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एनटीपीसी, एनएचपीसी और एसजेवीएनएल ने जलविद्युत क्षेत्र में निवेश करने के लिए 10 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत 26 हजार करोड़ रुपये का निवेश तय माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दो हजार करोड़ रुपये का निवेश संभावित माना जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने हाल ही में आयोजित मिनी कॉन्क्लेव में जलविद्युत क्षेत्र में 10 एमओयू हस्ताक्षरित किए थे। इनमें दो एमओयू एनटीपीसी, एक एनएचपीसी और सात एमओयू एसजेवीएन के साथ हुए। राज्य सरकार ने 28812 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यदि सभी एमओयू धरातल पर उतरते हैं तो राज्य में 2927 मेगावाट विद्युत क्षमता का उत्पादन होगा। संबंधित परियोजनाओं में 13,215 हिमाचलियों को रोजगार मिलेगा। उत्तराखंड में 18 हजार करोड़ का निवेश हुआ था। सतलुज जल विद्युत निगम के मुख्य महाप्रबंधक नंदलाल शर्मा का सुझाव रहा है कि एक स्ट्रीम में जलविद्युत परियोजनाएं आवंटित होने से किसी भी निवेशक कंपनी को लाभ होगा। परियोजना का निर्माण करना सरल होगा।

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पहले जलविद्युत पर अधिक लागत के कारण निवेशक प्रदेश में आने के लिए तैयार नहीं थे। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से नई जलविद्युत नीति में सार्थक परिवर्तन करने से निवेशकों के हितों का ध्यान रखा गया है। इससे निवेश की संभावना बढ़ी है।

- प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव ऊर्जा।

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नई जलविद्युत नीति में व्यवस्था की गई है कि जो निवेशक शीघ्रता से परियोजना निर्माण करेगा, उसे कई तरह की सब्सिडी दी जाएगी। चाहे जलविद्युत हो या फिर सौर ऊर्जा, डेढ़ दशक पहले जिन कंपनियों को प्रोजेक्ट दिए गए थे, उन्होंने निर्माण शुरू नहीं किया था। अब नई नीति में जिनके साथ करार हुआ है, उनके लिए परिस्थितियां बदली हैं।

-डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मुख्य सचिव

--------- मुख्यमंत्री ने ली इन्वेस्टर मीट की फीडबैक - जयराम ठाकुर मुख्य सचिव बाल्दी के साथ सोमवार को हेलीकॉप्टर से धर्मशाला जाएंगे

- संभवत सरकार के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के साथ जाएंगे राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को ग्वालियर से लौटकर सरकारी निवास ओकओवर शिमला में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के संबंध में बैठक की। मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर मीट की फीडबैक ली।

शनिवार शाम पांच बजे हुई बैठक में मुख्य सचिव डॉ. श्रीकात बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार सहित कुछ अधिकारी शामिल हुए। बैठक करीब एक घटा चली। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, डॉ. श्रीकात बाल्दी और सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव चार नवंबर को हेलीकॉप्टर से धर्मशाला जाएंगे। प्रधान सचिव तीन नवंबर को धर्मशाला रवाना होंगे। राज्य उद्योग विभाग के अधिकारियों की एक टीम धर्मशाला रवाना हो चुकी है।


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